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राहुल गांधी ने अमेरिका में दिया चीन पर ऐसा बयान, आगबबूला हुए अनुराग और चिराग पासवान



कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिकी दौरे पर दिए अपने बयान को लेकर खबरों में है. दरअसल, यहां टेक्सास विश्वविद्यालय के छात्रों से उन्होंने कहा कि भारत में कौशल की कमी नहीं है, बल्कि कौशल रखने वालों का यहां सम्मान नहीं होता. ये कहते-कहते चीन के लिए उन्होंने ये भी कह डाला कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है, वहां इसलिए बेरोजगारी नहीं है. विदेश के प्लेटफॉर्म पर भारत और चीन की तुलना हुई तो बीजेपी और एनडीए के कई नेताओं ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है.

राहुल गांधी बाहर जाकर भारत को बदनाम ना करें- अनुराग ठाकुर

बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुझे लगता है कि शायद कुछ लोगों को पढ़ने लिखने की आदत कम है. वे अपने समय के आंकड़े देख लें और एनडीए के समय के आंकड़ों को देखें, बड़ा अंतर है. हमने बेरोजगारी की दर को बहुत कम किया है. मैं कहना चाहता हूं कि राहुल गांधी बाहर जाकर भारत को बदनाम ना करें. दुनिया का जो विश्वास भारत पर बना है उससे हजारों लाख करोड़ का निवेश भारत में आ रहा है. दुनिया की उम्मीद भारत है.

विदेश में देश की बुराई करना राहुल गांधी की आदत – चिराग पासवान

नके इस बयान को लेकर चिराग पासवान ने भी हमला बोला है. चिराग ने कहा कि अमेरिका में राहुल ने चीन की तारीफ की और कहा कि रोजगार के मोर्चे पर भारत फेल हो रहा है. उन्हें अपने देश में सारी बुराइयां दिखती है. उन्हें लगता है दूसरे देशों में सब कुछ अच्छा चल रहा है. विदेश में जाकर अपने देश की बुराई करना उनकी आदत बन गई है.ये कहीं न कहीं गलत राजनीतिक परंपरा की शुरुआत है. माना सरकार और विपक्ष में आपसी मतभेद होते हैं, लेकिन विदेशी मंच पर जाकर अपने राजनीतिक मतभेदों को व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए इस तरीके से इस्तेमाल करना उचित नहीं है.  आप भारत में विपक्ष के नेता भी हैं. आप सरकार के समक्ष अपना सुझाव रख सकते हैं, अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत करवा सकते हैं, लेकिन ऐसे देश की बुराई करना कतई उचित नहीं है.

बता दें कि इंडियन ओवरसीज में कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कहा था कि राहुल गांधी ‘पप्पू’ नहीं हैं, वो गहरी सोच रखने वाले रणनीतिकार हैं. इस बयान को लेकर भी चिराग पासवान ने उन्हें घेरा है. उन्होंने कहा कि ये सारी सोच जनता के डोमेन में है.जनता तीसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए को चुना है, जिससे साफ है कि सैम पित्रोदा जो कह रहे हैं भारत की जनता उससे इत्तेफाक नहीं रखती. अगर रखती होती तो तीसरी बार पीएम मोदी को पीएम नहीं चुनती.

राहुल गांधी चीन की ब्रांडिग कर रहे हैं- गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी चीन की ब्रांडिंग कर रहे हैं. आपके समय में रक्षा क्षेत्र में आयात ज्यादा था.अब हम निर्यात कर रहे हैं, आपके समय में निर्यात केवल 19 लाख करोड़ रुपये का था और अभी निर्यात 75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. इससे पता चलता है कि देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है… आप(राहुल गांधी) विपक्ष के नेता होने के बावजूद चीन की ब्रांडिंग कर रहे हैं… जो कोई भी विदेश में भारत को गाली देता है, मेक इन इंडिया को गाली देता है, बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग को गाली देता है, वो देश का दुश्मन होगा, वो विपक्ष का नेता नहीं हो सकता…”

कोई देशभक्त ऐसा नहीं कर सकता- शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी लगातार तीन बार हारने के बाद कुंठित हो गए हैं और देश की छवि खराब करके अमेरिका में अपनी कुंठा निकाल रहे हैं. देश के बाहर जाकर देश की छवि खराब करना देशद्रोह जैसा अपराध है. कोई देश भक्त ऐसा नहीं कर सकता. उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की लेकिन भारत से जुड़ नहीं सके. वह भारत की जनता, भारत की संस्कृति, जीवन मूल्य और परंपराओं से भी नहीं जुड़ पाए.

जानें अमेरिका में क्या बोले-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अमेरिका में महाभारत का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि महाभारत में युद्ध लड़ने की कला में निपुण गुरु द्रोणाचार्य से जब आदिवासी समुदाय से आने वाले एकलव्य ने धनुर्विद्या सीखने की इच्छा प्रकट की तो उन्होंने उससे उसका दाहिना अंगूठा मांग लिया. उन्होंने कहा कि कौशल का सम्मान करके तथा कुशल लोगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर भारत की क्षमता को उभारा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आप सिर्फ आबादी के एक-दो प्रतिशत लोगों को सशक्त बनाकर भारत की क्षमता में इजाफा नहीं कर सकते हैं.

राहुल गांधी ने ये भी कहा कि  भारत में उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है इसलिए वह बेरोजगारी का सामना नहीं कर रहा है जबकि भारत और अमेरिका समेत पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं.






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