राजकोट गेमिंग जोन हादसे का मुख्य आरोपी धवल ठक्कर गिरफ्तार
गुजरात के राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड के मुख्य आरोपी धवल ठक्कर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी को बनासकांठा पुलिस ने आबू रोड से गिरफ्तार किया. इस मामले में अब कुल चार गिरफ्तारियां हो चुकी है. वहीं पहले से गिरफ्तार तीन आरोपियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. गुजरात में राजकोट के गेमिंग जोन में आग लगने से 32 लोगों की मौत हो गई. अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
राज्य सरकार ने 7 सरकारी अधिकारियों को किया निलंबित
राजकोट गेम जोन अग्निकांड में राज्य सरकार ने किया 7 सरकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को फटकार लगाई है. अग्नि कांड मामल राजकोट की जिला कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार किए गये 3 अपराधिओं को पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. वही राजकोट अग्निकांड के बाद राजकोट पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव का तबादला कर दिया गया है और उनको पोस्टिंग अभी दी नहीं गई है, उनकी जगह पर ब्रजेश कुमार झा को राजकोट का कमिश्नर बनाया गया है .
भीषण आग ने लील लीं कई जिंदगियां
25 मई को राजकोट के मनोरंजन केंद्र में स्थित गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से बच्चों सहित 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. आग कितनी भयावह थी इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि शव इतने बुरी तरह जल गए थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी. राज्य सरकार डीएनए जांच के जरिए पीड़ितों की पहचान करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की मदद ले रही है.
बिना एनओसी के चल रहा था गेमिंग जोन
राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव के दावे को खारिज करते हुए शहर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी आईवी खेर ने कहा कि ‘टीआरपी गेम जोन’ के प्रबंधन ने आग सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए कभी आवेदन ही नहीं किया था. खेर ने यह भी कहा कि 2023 में मनोरंजन सुविधा के लिए ‘‘लाइसेंस” जारी करने और इस साल जनवरी में इसे नवीनीकृत करने से पहले शहर पुलिस ने राजकोट शहर के अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं से कभी परामर्श नहीं लिया था.
गुजरात हाईकोर्ट ने मामले का लिया स्वत: संज्ञान
राजकोट अग्निकांड मामले में गुजरात हाईकोर्ट की तरफ से स्वत: संज्ञान लिया गया है और इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है. गुजरात हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए यहां तक कह दिया कि अब हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं रहा है और क्या राज्य सरकार अभी तक सो रही थी जबकि यह टीआरपी गेम जोन 4 साल चल रहा था.
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