मोहम्मद युनूस बने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया, PM मोदी ने दी बधाई, बोले- ‘हिंदुओं की सुरक्षा…’
PM Modi Congratulated Muhammad Yunus: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद देश की कमान मोहम्मद युनुस ने संभाल ली है. उन्होंने अतंरिम सरकार के मुखिया के तौर पर आज गुरुवार (08 अगस्त) को शपथ ली. बांग्लादेश के नए मुखिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भी बात कही है.
पीएम मोदी ने कहा, “प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को उनकी नई ज़िम्मेदारी संभालने पर मेरी शुभकामनाएं. हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी, जिससे हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
बांग्लादेश में मचे उत्पात के बाद मोहम्मद यूनुस को मिली कमान
84 साल के यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया. उन्हें प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस भूमिका के लिए रिकमंड किया. पेरिस से ढाका लौटते हुए, यूनुस ने हवाई अड्डे पर मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “देश में एक बहुत ही सुंदर राष्ट्र बनने की संभावना है. हमारे छात्र हमें जो भी रास्ता दिखाएंगे, हम उसी के साथ आगे बढ़ेंगे.”
My best wishes to Professor Muhammad Yunus on the assumption of his new responsibilities. We hope for an early return to normalcy, ensuring the safety and protection of Hindus and all other minority communities. India remains committed to working with Bangladesh to fulfill the…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 8, 2024
सलाहकार परिषद में कौन-कौन शामिल
मोहम्मद यूनुस को 16 परिषद सदस्य मदद करेंगे. भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दो प्रमुख आयोजक, आसिफ महमूद और नाहिद इस्लाम भी इसके सदस्यों में शामिल हैं. जिन सदस्यों को शामिल किया गया है वो कुछ इस तरह से हैं- सैयदा रिजवाना हसन, फरीदा अख्तर, आदिलुर्रहमान खान, एएफएम खालिद हुसैन, नूरजहां बेगम, शरमीन मुर्शिद, फारुक-ए-आजम, नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद, सालेहुद्दीन अहमद, प्रोफेसर आसिफ नजरुल, हसन आरिफ, ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन, सुप्रदीप चकमा, प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय और तौहिद हुसैन.
शेख हसीना का हुआ तख्तापलट
बांग्लादेश में यह बदलाव उस समय हुआ है जब वहां राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. पिछले दिनों शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें देश भी छोड़ना पड़ा. हसीना की सरकार को व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद गिरा दिया गया. मुख्य रूप से विवादास्पद आरक्षण का विरोध करने वाले छात्र आंदोलनों के बाद देश में जमकर बवाल काटा गया और तोड़फोड़, आगजनी और हिंदुओं को भी निशाना बनाया गया.
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