मुंबई: भारी बारिश में सैकड़ों घरों पर चला बुलडोजर, 250 परिवार बेघर, महिलाएं ऑटो में सोने को मजबूर
महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, कोल्हापुर और नागपुर समेत कई शहरों में भी गुरुवार को तेज बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया, जिससे ट्रैफिक प्रभावित हुआ. मुंबई में आज भी भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है. मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में हो रहे भारी बारिश के बीच मलाड के अंबुजबाड़ी में रहने वाले करीब 250 परिवार बेघर हो गए हैं. डिप्टी कलेक्टर के आदेश पर अवैध घरों पर बुलडोजर चला दिया गया है. अब सैकड़ों लोग भारी बारिश में सड़क पर रहने को मजबूर हैं. नियमों के अनुसार, बारिश के मौसम में किसी का भी घर नहीं तोड़ा जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद की गई इस कारवाई के बाद अब यह मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में भी उठा.
पिछले 8 दिनों से मुंबई के मलाड इलाके में अंबुजबाड़ी के सैकड़ों लोग बारिश और जलभराव में अपना गुजारा करने को मजबूर हैं. प्रशासन ने 19 जुलाई को करीब 250 अवैध घरों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी. कारवाई ऐसे समय में की गई जब मुंबई सहित कई जगहों पर भारी बारिश जारी है. 8 साल से यहां रहने वाली आशा खरनार भारी बारिश में अपने टूटे घर के मलबे में जरूरी सामान खोज रही हैं. उनके पति मजदूर हैं. आशा खुद भी लोगों के घरों में झाड़ू-बर्तन का काम करती हैं. बारिश में लगातार भीगने से इनकी तबीयत भी खराब हो चुकी है. इसलिए काम पर नहीं जा पा रही हैं.
NDTV से बातचीत में आशा खरनार कहती हैं, “हमलोग रात को सोते नहीं हैं. ऐसे ही हम सब महिलाएं यहां बैठते हैं. हमें अब यहां भी बैठने से मना किया जा रहा है.”
वहीं, अंबुजबाड़ी की इमराना कुरैशी गर्भवती हैं. घर टूटने के बाद वह पन्नी के नीचे रह रहीं हैं. रात को यह परिवार की कुछ महिलाओं के साथ ऑटो रिक्शा में सोती हैं. लगातार भीगने के कारण कई लोग बीमार हो गए हैं. लेकिन उनकी फरीयाद सुनने वाला कोई नहीं है. इमराना कुरैशी कहती हैं, “जैसे ही बारिश आती है. हम पन्नी के अंदर आ जाते हैं. लेकिन ऐसे कब तक गुजारा करेंगे. नहीं मालूम…”
विधानसभा में उठा ये मामला
इस बीच ये मामला विधानसभा में भी उठाया गया. कांग्रेस विधायक असलम शेख ने इस कार्रवाई पर सरकार से सवाल पूछा और सख्त एक्शन की मांग की है. कांग्रेस विधायक असलम शेख कहते हैं, “मैंने सदन में आवाज उठाई है. डिप्टी सीएम ने मुझे आश्वासन दिया है कि इसकी जांच की जाएगी. बारिश में घरों को तोड़ने का आदेश जिसने भी दिया…चाहे वो कलेक्टर हो, बीएमसी हो या पुलिस, उनपर अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप होगा. उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
स्लम एक्ट के तहत कानून का पालन होना चाहिए
जन हक संघर्ष समिति के सदस्य विकास वाघमारे ने कहा, “जो लोग यहां रह रहे हैं. उनके दस्तावेज़ चेक करना चाहिए था. कौन वैध है, कौन अवैध… इसकी जांच की जानी चाहिए थी. स्लम एक्ट के तहत जो कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था, वो भी नहीं किया गया.”
मामले की होगी जांच-डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस
इस बीच सरकार ने इस मामले की जांच की बात कही है. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम बारिश में कभी भी तोड़फोड़ नहीं करते हैं, यह क्यों किया गया. इसकी जांच होगी.”