Sports

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: कितना बड़ा है असदुद्दीन ओवैसी का सपना, किस वोट बैंक पर है नजर



नई दिल्ली:

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) महाराष्ट्र चुनाव में एक बार फिर किस्मत आजमा रही है.एमआईएम प्रदेश की 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.एमआईएम ने पिछले दो चुनावों में दो-दो सीटों पर जीत दर्ज की थी.इस बार के चुनाव में एमआईएम अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराना चाहती है. इस वजह से इस बार प्रचार की कमान असदुद्दीन ओवैसी के साथ-साथ उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी संभाल रखी है. ओवैसी के दमदार चुनाव प्रचार ने महाविकास अघाड़ी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. अब ओवैसी की पार्टी किसके लिए परेशानी खड़ा करती है और उसे कितनी सफलता मिलती है, इसका पता 23 नवंबर को ही चल पाएगा, जब मतगणना के नतीजे आएंगे.

महाराष्ट्र में किन सीटों पर चुनाव लड़ रही है ओवैसी की पार्टी

महाराष्ट्र में एमआईएम ने औरंगाबाद मध्य, औरंगाबाद पूर्व, मुंब्रा-कलवा (ठाणे), मालेगांव मध्य, धुले, सोलापुर, नांदेड दक्षिण, मानखुर्द शिवाजी नगर, भिवंडी पश्चिम, करंजा, नागपुर उत्तर, भायखला, वर्सोवा (मुंबई), मुर्तिजापुर (अकोला), कुर्ला और मिरज (सांगली) में उम्मीदवार खड़े किए हैं.इनमें से अधिकांश सीटें ये सीटें मुंबई के आस-पास की हैं.एमआईएम ने 2019 के चुनाव में मालेगांव मध्य और धुले की सीटें जीती थीं. इस बार एमआईएम ने चार दलित और 12 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं.एमआईएम ने इस बार 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. पार्टी ने 2014 का विधानसभा चुनाव 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 44 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. दोनों ही बार उसे दो-दो सीटों पर जीत मिली थी. 

Latest and Breaking News on NDTV

एमआईएम ने 2014 का विधानसभा चुनाव 22 सीटों पर लड़ा था. उसे दो सीटों पर जीत मिली थी. यह एमआईएम का महाराष्ट्र में पहला चुनाव था. वहीं, 2019 के विधानसभा चुनाव में एमआईएम ने 44 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए. लेकिन उसकी सीटें दो से अधिक नहीं हो पाई हैं. साल 2019 के चुनाव में एमआईएम ने एक दर्जन सीटों पर विपक्षी गठबंधन कांग्रेस और एनसीपी का खेल बिगाड़ा था. इस बार भी पार्टी ने जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें से ज्यादातर पर एमवीए यानी कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) के तगड़े उम्मीदवार हैं. इन सीटों पर एमवीए का मुकाबला बीजेपी-शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की महायुति से है. 

ओवैसी की पार्टी का नारा क्या है

एमआईएम ने इस बार ‘जय भीम,जय मीम’ के नारे के साथ चुनाव मैदान में है.लेकिन अब बात औरंगजेब की हो रही है.महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले वोट जिहाद का जवाब धर्मयुद्ध से देने को कहा था.बाद में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन किया जा रहा है, लेकिन देश का सच्चा मुसलमान औरंगजेब को अपना हीरो नहीं मानता.इसके जवाब में ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह के साथ मिलकर भी फडणवीस उनका मुकाबला नहीं कर सकते. ओवैसी ने पूछा कि अगर देश में वोट जिहाद चल रहा है बीजेपी अयोध्या की सीट कैसे हारी? उन्होंने कहा,”कल तक लव जिहाद था, फिर लैंड जिहाद हुआ, फिर जॉब जिहाद हुआ और अब वोट जिहाद हुआ. फडणवीस को जिहाद के मायने नहीं पता.’ओवैसी और फडणवीस की जुबानी जंग ने सियासी पारा चढ़ा दिया. 

Latest and Breaking News on NDTV

किसका नुकसान करा सकती है ओवैसी की पार्टी

ओवैसी की परेशानी उलेमा बोर्ड बढ़ा दी है. उलेमा बोर्ड ने 17 शर्तों के साथ एमवीए का समर्थन किया है.बोर्ड की प्रमुख मांगों में आरएसएस पर पाबंदी और वक्फ बिल का विरोध की मांग प्रमुख है. हालांकि एमवीए की ओर से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बोर्ड के इस कदम से ओवैसी को अपने आधार मुस्लिम वोट बैंक में बंटवारे का खतरा लग रहा है. इसके अलावा ओवैसी की नजर दलित वोट बैंक पर भी है. इसलिए उन्होंने चार आरक्षित सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में अगर मुस्लिम और दलित वोट बैंक में बंटवारा होता है तो इसका नुकसान एमवीए को अधिक उठाना पड़ सकता है. 

ये भी पढ़ें: “अपने पैरों पर खड़ा होना सीखें”: शरद पवार की तस्वीरों के यूज पर अजित पवार खेमे से सुप्रीम कोर्ट





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *