मनु भाकर ने सोनिया और राहुल गांधी से की मुलाकात, ओलंपिक में जीते हैं दो मेडल
Paris Olympics 2024: ओलंपिक में भारत के लिए दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली स्टार पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर बुधवार (7 अगस्त) को स्वदेश वापस लौटीं. दिल्ली आने के बाद मनु भाकर ने दस जनपथ पहुंच कर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की.
स्टार पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर किसी एक ओलंपिक में दो पदक जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के बाद बुधवार को जब स्वदेश पहुंची तो लगातार हो रही बूंदाबांदी के बावजूद सैकड़ों समर्थकों और उनके परिजनों ने यहां उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान मनु भाकर के आगमन से काफी पहले से हवाई अड्डे पर इंतजार कर रहे सैकड़ों लोगों ने उनका और उनके कोच जसपाल राणा का जोरदार स्वागत किया.
समर्थकों में दिखा जमकर उत्साह
मनु को पेरिस से दिल्ली लाने वाली एयर इंडिया की उड़ान (एआई 142) एक घंटे की देरी से सुबह करीब 9 बजकर 20 मिनट पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची. इस दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर मनु का स्वागत करने के लिए उनके माता-पिता राम किशन और सुमेधा और उनके गृह राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के खेल प्रेमी और अधिकारी भी पहुंचे थे. चूंकि, मनु भाकर के कोच जसपाल राणा मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं और मनु भाकर की जीत में उनका बड़ा योगदान है.
जानिए कौन है मनु भाकर?
पेरिस ओलंपिक में 22 साल की मनु भाकर ने दमदार खेल दिखाते हुए मेडल जीत लिया है. उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया है. इसी के साथ मनु ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बन गई हैं. जहां मनु भाकर हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं. मनु ने निशानेबाजी से पहले कई खेल खेले. उन्होंने टेनिस, स्केटिंग, मार्शल आर्ट् और मुक्केबाजी भी शामिल है, लेकिन आखिर में निशानेबाजी में उन्होंने करियर बनाने का फैसला किया.
जब मनु ने निशानेबाजी को अपना करियर बनाने का फैसला किया तो वह महज 14 साल की थीं.
25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में चौथे स्थान पर करना पड़ा संतोष
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल कंप्टीशन में कांस्य पदक जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया और 10 मीटर मिश्रित टीम एयर पिस्टल स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर एक और कांस्य पदक जीतकर इसे दोगुना कर दिया. हालांकि 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उन्हें चौथे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा, जिससे उनका ओलंपिक अभियान रिकॉर्ड दो पदकों के साथ खत्म हुआ.
यह भी पढ़ेंः विनेश हुईं डिस्क्ववालीफाई तो संसद में हंगामा, विपक्ष ने पूछा- सरकार का स्टैंड