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भारत की सबसे अमीर महिला हरियाणा में भाजपा की B टीम हैं? जानिए सावित्री जिंदल का जवाब




नई दिल्ली:

भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल को भाजपा ने हरियाणा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया. सावित्री जिंदल इसी साल मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं, ऐसे में उन्हें टिकट ना मिलना सबके लिए हैरानी वाली बात है. वह हिसार से दो बार विधायक रही हैं और मंत्री पद भी संभाला है. इस बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने इस बारे में बात की कि जब भाजपा ने हरियाणा के मंत्री और मौजूदा हिसार विधायक कमल गुप्ता को टिकट देने का फैसला किया तो उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव क्यों नहीं लड़ा? इसके साथ ही इस सवाल का भी जवाब दिया कि अगर वह चुनाव जीतती हैं तो क्या भाजपा को समर्थन देंगी?

उन्होंने कहा कि उनके पति ओपी जिंदल हिसार सीट से जीतते थे, और उनकी मौत के बाद वह सियासत में आईं. उन्होंने कहा, “2014 विधानसभा चुनाव में मुझे हार मिली  और 2019 में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. लेकिन मेरे हिसार परिवार ने इस बार जोर देकर कहा कि मुझे इस बार चुनाव लड़ना चाहिए, उन्होंने मुझसे ऐसा करने को कहा तो मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया.”

कांग्रेस के साथ उनके परिवार के पुराने रिश्ते और क्या उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने को भाजपा के खिलाफ बगावत के रूप में देखा जाना चाहिए, इस पर सावित्री जिंदल ने कहा कि उन्होंने किसी से बगावत नहीं की और हिसार के लोगों की इच्छाओं का सम्मान किया है. 

यह पूछे जाने पर कि जब भाजपा ने उन्हें मैदान में नहीं उतारा तो उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव क्यों नहीं लड़ा, उन्होंने कहा, “वे (हिसार के लोग) चाहते थे कि मैं किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ूं. डॉक्टर साहब (डॉ. कमल गुप्ता) भाजपा से तो रारा साहब (राम निवास रारा) को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो मेरे पास निर्दलीय उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.”

उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिद्वंद्वी न तो कांग्रेस है और न ही भाजपा और वह अपना चुनाव प्रचार कर रही हैं.

क्या वह भाजपा की B टीम हैं और अगर जीतती हैं तो भाजपा को समर्थन देंगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा, “नहीं, मैंने कुछ भी नहीं सोचा है. मेरा हिसार परिवार फैसला करेगा, मैं उनकी प्रतिनिधि हूं.”

चुनाव के बाद संख्या बल जुटाने के लिए अगर कांग्रेस या भाजपा को उनकी मदद की जरूरत होगी तो वह उन्हें समर्थन देने के सवाल का भी सीधा जवाब नहीं दिया, उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को भगवान की इच्छा पर छोड़ देंगी.

बता दें, हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को मतगणना होगी.




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