फॉर्म्युला फाइनल! शिंदे, अजित पवार… महाराष्ट्र में किसे क्या मिलेगा, जानिए अंदर की खबर
मुंबई:
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री और सरकार गठन पर 10 दिन से जारी महा-सस्पेंस कभी भी खत्म हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक किसे क्या मिलेगा, इसका फॉर्म्युला फाइनल हो चुका है. एकनाथ शिंदे कहां फिट होंगे? अजित पवार को क्या मिलेगा? मंत्री कौन कौन बनेगा? यह सब 5 दिसंबर को शपथ वाले दिन ऑफिशली आउट होगा. लेकिन पिक्चर की स्क्रिप्ट फाइनल हो चुकी है. इसमें एक बात जो बिल्कुल क्लियर है, वह यह है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ही बनेंगे. मंगलवार दोपहर शिवसेना के टॉप नेताओं ने फडणवीस से उनके आवास पर मुलाकात भी की. जानिए क्या चल रहा है फॉर्म्युला…
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने भी संकेत दिया है कि बुधवार को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के नाम पर फाइनल मुहर लग सकती है. इस बीच मुंबई के आजाद मैदान में शपथग्रहण समारोह की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं.
एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फॉर्मूला तय हो गया है. महाडील में तय हुआ है कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे और साथ ही में 2 उपमुख्यमंत्री होंगे. एकनाथ शिंदे जो काफी दिनों से ‘नाराज’ चल रहे हैं, वो भी डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे. साथ ही अजित पवार भी उपमुख्यमंत्री होंगे. स्पीकर का पद बीजेपी अपने पास रखने जा रही है. ये पद एनसीपी या शिवसेना को मिलने नहीं जा रहा है. शिवसेना को अर्बन डेवलेपमेंट मंत्रालय का पद दिया जाएगा. वित्त मंत्रालय का पद अजित पवार के पास होगा. वहीं, देवेंद्र फडणवीस के पास मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्रालय भी होगा.
सबसे बड़ा सवाल ये है कि एकनाथ शिंदे को बीजेपी क्यों नहीं छोड़ना चाह रही है? इसकी एक वजह यह है कि उनके लोकसभा में 7 सांसद हैं और मौजूदा लोकसभा में बीजेपी के लिए एक-एक सांसद बेहद जरूरी है. साथ ही मराठा होने के नाते बीजेपी उन्हें नाराज नहीं करना चाहती है, क्योंकि फडणवीस ब्रह्मण जाति से आते हैं और दो मराठाओं को साथ रखना बीजेपी की
एनडीटीवी से एक खास बातचीत में रामदास आठवले ने बताया, ‘मुझे लगता है कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं. बुधवार को विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगा सकती है. देवेंद्र फडणवीस बीजेपी के सबसे अनुभवी नेता हैं. एकनाथ शिंदे को समझना चाहिए कि राजनीति में उतार-चढ़ाव होता है. उन्हें महायुती का अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है.’