पाकिस्तानी एक्ट्रेस जो नाम बदलकर बनी सिंगर, ‘चलो तो कट ही जाएगा सफर’…गाकर हुई मशहूर- पता है नाम?
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नाम बदल कर ये सिंगर बनी थीं बॉलीवुड एक्ट्रेस
पाकिस्तान का गायकी से बड़ा गहरा लगाव है. हिंदी सिनेमा में शुरुआत से ही पाक गायकों का अलग ही जलवा रहा है, इसमें नुसरत फतेह अली खान हो या फिर राहत फतेह अली खान. सिनेमा की शुरुआत में भी कई पाक गायकों ने अपनी आवाज का जादू भारत में बिखेरा था, जो विरासत आज तक चली आ रही है. कई पाक गानों को हिंदी सिनेमा में अलग सुर ताल के साथ सुना जाता रहा है और यह आज भी जारी है. गुजरे जमाने की पाक सिंगर जो बाद में नाम बदलकर पाक सिनेमा की अभिनेत्री बनी और अचानक गायब हो गईं. मसर्रत नजीर अपनी गायकी से लोगों को दीवाना बनाती रही हैं. मसर्रत ने 1950 और 60 के दशक में पाक फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सिंगिंग से हंगामा मचाया था. इनके गाए गाने आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें से एक पंजाबी लोक गीत हम आपके सामने पेश कर रहे हैं.
मसर्रत नजीर अपने वायरल वीडियो में पंजाबी लोक गीत ‘लिख-लिख चिठियां मैं पांदी’ गाती दिख रही हैं, जो भारत में कई भाषाओं में सुना जा चुका है. चले तो सफर कट ही जाएगा फेम सिंगर मसर्रत को सिल्वर स्क्रीन की स्पार्कलिंग स्टार भी कहा जाता है. मसर्रत ने सिंगिंग के बाद अपना नाम बदला और वह पाक अभिनेत्री बनकर फिल्मों में काम करने लग गईं. मसर्रत ने कई पाक फिल्मों में काम किया. मसर्रत ने 15 साल की उम्र में ही पाक सिनेमा में कदम रखा दिया था. 1955 में उन्होंने एक उर्दू फिल्म कातिल और दो पंजाबी फिल्में पत्तन और पाटे खान से अभिनय की शुरुआत की थी. मसर्रत ने तीन दशक तक फिल्मों में काम किया और आखिरी बार उन्हें पश्तो फिल्म द भाभी बांगरी (1988) में देखा गया था.
मसर्रत का जन्म 13 अक्टूबर 1940 को पाकिस्तान के लाहौर में एक कश्मीरी मूल के मिडिल क्लास परिवार में हुआ था. उनके पिता नजीर अहमद एक कॉन्ट्रैक्टर थे. मसर्रत के पेरेंट्स उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे. मसर्रत को द सिल्वर स्क्रीन स्पार्कलिंग स्टार के साथ-साथ चांदनी के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, साल 1965 में एक फिजिशियन से घर बसाकर मसर्रत कनाडा में अपनी फैमिली के साथ रहती हैं. आज मसर्रत 84 साल की हो रही हैं.