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नेपाली शेरपा ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड, 26 बार माउंट एवरेस्ट फतह कर दुनिया के दूसरे व्यक्ति बने – Nepali Sherpa ascends Mt Everest for 26th time second person to do so ntc


नेपाल के पसांग दावा शेरपा ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. वे रविवार (14 मई) को माउंट एवरेस्ट पर 26वीं बार चढ़ने वाले दुनिया के दूसरे शख्स बन गए हैं. 46 वर्षीय पसांग दावा शेरपा 8,849 मीटर (29,032 फीट) की चोटी पर रविवार सुबह करीब 9 बजे (स्थानीय समय) पहुंचे और नया रिकॉर्ड बनाया.

सरकारी पर्यटन अधिकारी बिग्यान कोइराला ने बताया कि इससे पहले कामी रीता शेरपा 26 बार माउंट एवरेस्ट पर पहुंच चुके हैं. न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और उनके शेरपा गाइड तेनजिंग नोर्गे ने 1953 में माउंट एवरेस्ट पर पहली बार फतह किया था. हाइकिंग कंपनी इमेजिन नेपाल ट्रेक्स के एक अधिकारी ने बताया कि पसांग दावा यहां हंगरी के एक पर्यटक के साथ एवरेस्ट पर पहुंचे. वे अब ऊपर से नीचे आ रहे हैं और अच्छी स्थिति में हैं.

’46 साल की उम्र में 26वीं बार चढ़ाई’

पासंग दावा शेरपा ने इमेजिन नेपाल के साथ माउंट एवरेस्ट की सबसे ज्यादा चढ़ाई के पिछले रिकॉर्ड की बराबरी करके इतिहास रचा है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि 46 साल की उम्र में पासंग ने 26वीं बार पहाड़ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. उन्होंने इमेजिन नेपाल ट्रेक एंड एक्सपेडिशंस के कामी रीता शेरपा के रिकॉर्ड की बराबरी की.

‘पहली बार 1998 में चढ़े थे माउंट एवरेस्ट’

एवरेस्ट बेस कैंप (ईबीसी) के पास एक गांव पैंगबोचे में पैदा हुए 46 वर्षीय शेरपा पर्वतारोही ने पहली बार 1998 में एवरेस्ट फतह किया था. उन्होंने 1999, 2002, 2003, 2004, 2008, 2009, 2011, 2012, 2016 और 2017 में में एवरेस्ट पर चढ़ाई दर्ज की है. जबकि उन्होंने साल 2001, 2007, 2010, 2013, 2018, 2019 और 2022 में एवरेस्ट पर दोबारा चढ़ाई की.

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‘अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने पासंग दावा’

पासंग दावा के साथ यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, हंगरी, चीन और पाकिस्तान से इमेजिन नेपाल के 5 पर्यटक भी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे. ये सभी लोग सीजन में शिखर पर पहुंचने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन गए हैं.

‘मौसम खराब होने से इस साल देर से चढ़ाई शुरू हुई’

इमेजिन नेपाल से हमारे ग्राहक और 5 शेरपा शिखर तक पहुंचे और कैंप IV में सुरक्षित रूप से वापस आ गए. कल वे कैंप II में उतरेंगे. दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत का शिखर सम्मेलन औपचारिक रूप से रविवार को शुरू हुआ. हिमालय में प्रतिकूल मौसम के कारण इस वर्ष शिखर की खिड़की देर से खुली. यहां हाल के सप्ताहों में भारी हिमपात दर्ज किया गया है. कामी रीता शेरपा ने इस महीने की शुरुआत में माउंट एवरेस्ट पर सबसे ऊंची चढ़ाई का रिकॉर्ड बनाया था. 

‘नेपाल ने इस साल रिकॉर्ड 478 परमिट जारी किए’

इस वर्ष नेपाल में पर्वतारोहण के इच्छुक लोगों की बड़ी संख्या देखी जा रही है. पर्यटन विभाग ने 478 व्यक्तियों को परमिट जारी किए हैं, जो रिकॉर्ड में सबसे अधिक संख्या है. नेपाल के पर्यटन विभाग के अधिकारी बिग्यान कोइराला ने कहा कि इस सीजन के लिए परमिट जारी करना लगभग समाप्त हो गया है. नेपाल ने इससे पहले 2021 में रिकॉर्ड 409 परमिट जारी किए थे. एक साल बाद रूस-यूक्रेन युद्ध और इस साल आने वाली मंदी की वजह से यह संख्या घटकर 325 हो गई.

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‘पहाड़ पर चढ़ने में आता है ज्यादा खर्च’

नेपाल में माउंट एवरेस्ट के लिए परमिट लेने के लिए विदेशी पर्वतारोहियों से 11,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लिया जाता है, लेकिन पहाड़ पर चढ़ने के लिए खर्च 40,000 से 90,000 अमेरिकी डॉलर के बीच होता है. मौसम के अनुकूल नहीं होने पर एक अभियान की लागत और बढ़ जाती है क्योंकि यह आमतौर पर एक वर्ष में केवल दो सप्ताह तक रहता है.

मई 1953 में तेनजिंग नोर्गे शेरपा और न्यूजीलैंड के एडमंड पर्सिवल हिलेरी ने पहली बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पैर रखा था, तब से करीब 7,000 पर्वतारोहियों ने नेपाल की ओर से एवरेस्ट पर चढ़ाई की है.

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नेपाल में कौन होते हैं शेरपा?

माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में गाइड करने वाले ज्यादातर लोग अपने नाम के पहले शेरपा लिखते हैं. ये अपने चढ़ाई कौशल के लिए जाने जाते हैं और मुख्य रूप से विदेशी पर्यटकों का पहाड़ों में मार्गदर्शन करके अपना जीवन-यापन करते हैं. हिमालयन डेटाबेस और नेपाली अधिकारियों के अनुसार, 1953 में सर एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे द्वारा पहली बार चढ़ाई की गई थी, उसके बाद से एवरेस्ट पर 11,000 से ज्यादा बार चढ़ाई की जा चुकी है. इस प्रयास में करीब 320 लोग मारे गए हैं.

 



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