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नवंबर में कब है मासिक दुर्गाष्टमी? यहां जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और मंत्र



Masik durga ashtami kab hai 2024 : मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है. इस दिन भक्त बड़ी श्रद्धा से देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भक्तों के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर होती हैं.  ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक माह यानी की नवंबर में पड़ने वाली दुर्गाष्टमी की तिथि, मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और मंत्र.

नवंबर दुर्गाष्टमी 2024 | November Durgashtami 2024 date

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 08 नवंबर को दोपहर 11:56 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन यानी 09 नवंबर को देर रात 10:45 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि पड़ने के कारण 09 नवंबर को मासिक दुर्गाअष्टमी का व्रत रखा जाएगा.

मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त नवंबर 2024 | Masik Durgashtami Shubh Muhurat November 2024

वहीं, इस माह पड़ने वाली दुर्गाष्टमी पर 4 मुहूर्त पड़ रहे हैं, जो इस प्रकार हैं…

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:54 मिनट से 05:47 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01:53 मिनट से 02:37 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:30 मिनट से 05:57 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:39 मिनट से 12:31 मिनट तक

मां दुर्गा ध्यान मंत्र है | Dhyan mantras of Devi Durga

ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम|

लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥

आपको बता दें कि दुर्गाष्टमी के दिन इस ध्यान मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है. 

दुर्गाष्टमी पूजा विधि | Durga ashtami puja vidhi

  • मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद घर के पूजा स्थान पर मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और फिर व्रत का संकल्प लीजिए.
  • फिर मां दुर्गा को रोली या हल्दी से तिलक करें और मां को फूल माला,फल, और श्रृंगार की 5 चीजें चढ़ाएं.
  • इसके बाद धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती के साथ पूजा का समापन करें. फिर रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें. 

दुर्गाष्टमी का महत्व | Durga ashtami significance

दुर्गाष्टमी को देवी दुर्गा की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों के कष्ट दूर करती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)




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