Sports

दुनिया भर के निवेशकों की नजरें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आर्थिक नीतियों पर टिकीं




नई दिल्ली:

बांग्लादेश (Bangladesh) में नोबेल प्राइज विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) द्वारा अंतरिम सरकार की कमान संभालने के बाद अब पूरी दुनिया के निवेशकों और सरकारों की निगाहें उनकी अंतरिम सरकार की आर्थिक नीतियों पर हैं. बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ्तों से जारी राजनीतिक संकट की वजह से आर्थिक हालात खराब हुए हैं और आम लोगों पर आर्थिक संकट का असर गहराता जा रहा है.

बांग्लादेश में विदेशी निवेशकों के बड़े उद्योग संघ-  फॉरेन इन्वेस्टर्स चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री के मुताबिक पिछले हफ्ते तक बांग्लादेश में राजनीतिक संकट, आर्थिक गतिविधियों और द्विपक्षीय व्यापार के रुकने की वजह से 10 अरब डालर तक का नुकसान होने का अंदेशा है.

अब सबकी निगाहें नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस पर टिकी हैं, जिन्हें अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है. मोहम्मद यूनुस के सामने सबसे बड़ी चुनौती बांग्लादेश में चरमराई हुई अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने और विदेशी निवेशकों का विश्वास जीतने की होगी.

वित्तीय साल 2023-24 के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच विपक्षीय व्यापार करीब 13 बिलियन डॉलर का था जिसमें करीब 11 अरब डॉलर हिस्सेदारी भारत से एक्सपोर्ट होने वाले सामानों की थी.

प्याज निर्यात और गारमेंट उद्योग प्रभावित 

अब भारत में उद्योग जगत और निर्यातकों की नजर बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार की नई आर्थिक नीतियों पर है. उद्योग संघ PHDCCI के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल एसपी शर्मा मानते हैं कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था ऐसे समय पर कई तरह की चुनौतियों से जूझ रही है जब अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी है और दुनिया के कई हिस्सों में जियोपॉलिटिकल टेंशन की वजह से अनिश्चितता बनी हुई है.

एसपी शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, पिछले दो हफ्तों से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार रुकने का सबसे ज्यादा असर भारत में प्याज के निर्यातकों और गारमेंट सेक्टर पर पड़ा है. लेकिन दो देशों के बीच आर्थिक संबंधों की कड़ी आम लोगों की जरूरतों से जुड़ी होती है, ऐसे में मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में बनी अंतरिम सरकार को द्विपक्षीय व्यापार को फिर से पटरी पर लाने के लिए जल्दी पहल करना होगी. उनके मुताबिक भारत और बांग्लादेश के बीच आर्थिक संबंधों पर राजनीतिक मुद्दों का बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

राजनीतिक संकट से थमी रहीं आर्थिक गतिविधियां 

पिछले कुछ हफ़्तों से बांग्लादेश में आर्थिक गतिविधियां लगभग थम सी गई थीं. हालांकि पहली बार भारत बांग्लादेश सीमा पर कुछ बॉर्डर पोस्टों पर गुड्स ट्रकों की आवाजाही आंशिक रूप से शुरू हुई. पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में राजनीतिक संकट की वजह से सैकड़ों गुड्स ट्रक सीमा पर फंसे हुए थे.

पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का सबसे ज्यादा असर भारत के प्याज निर्यातकों पर पड़ा है, जो सबसे ज्यादा प्याज बांग्लादेश को एक्सपोर्ट करते हैं. इसे लेकर भारत के प्याज निर्यातक तनाव में है. पिछले कई दिनों से प्याज का निर्यात रुका हुआ था. बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को लेकर सवाल अभी भी बने हुए हैं.

भारत के प्याज एक्सपोर्टर तनाव में

इंडियन चैंबर ऑफ़ फ़ूड एंड एग्रीकल्चर के सीईओ अश्विनी बक्शी ने एनडीटीवी से कहा, “प्याज के एक्सपोर्टर तनाव में है कि एक्सपोर्ट कब तक सामान्य तौर पर जारी रह पाएगा…एक्सपोर्टरों के मन में यह संदेह आ गया है कि क्या प्याज का व्यापार आगे सामान्य तौर पर चल पाएगा?”

बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संकट की वजह से करीब 11% वैश्विक कपड़ा व्यापार सीधे तौर पर प्रभावित हुआ है. दुनिया भर में करीब 500 बिलियन डॉलर का गारमेंट ट्रेड होता है, जिसमें बांग्लादेश की हिस्सेदारी 54 बिलियन डॉलर की है.

रेडीमेड मेन-मेड गारमेंट्स की सप्लाई ठप रही

बांग्लादेश ग्लोबल गारमेंट ट्रेड में मेन-मेड फैब्रिक्स का हब माना जाता है. वहां संकट की वजह से रेडीमेड मेन-मेड गारमेंट्स की सप्लाई ठप हो गई है. इसकी वजह से सबसे ज़्यादा असर मेन-मेड फैब्रिक्स पर पड़ने की आशंका है.

बड़े फैशन स्टोर्स जैसे जारा (Zara) और एच एंड एम (H&M) पर सबसे ज़्यादा असर पड़ेगा जो बड़े स्तर पर रेडीमेड गारमेंट्स का बांग्लादेश के सप्लायरों से आयात करते हैं. एनडीटीवी से बातचीत में एप्पारेल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (Apparel Export Promotion Council) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा, “भारत में सबसे ज्यादा असर Fast Fashion Retailers/Stores जैसे ZARA, HNM पर पड़ा है जो बांग्लादेश से काफी ज्यादा रेडीमेड गारमेंट्स का इम्पोर्ट करते हैं. इन स्टोर्स को 3-4 हफ्ते में अपने स्टॉक्स को रिप्लेनिश करना होता है. ZARA और H&M जैसे फास्ट फैशन स्टोर्स भारत के मुकाबले बांग्लादेश से 10 से 15 गुना ज्यादा रेडीमेड गारमेंट्स का आयात करते हैं.”

कॉटन फैब्रिक के निर्यात पर पड़ा असर

सवाल भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कॉटन फैब्रिक्स के एक्सपोर्ट को लेकर भी उठ रहे हैं. सुधीर सेखरी कहते हैं, “भारत से करीब 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कॉटन फैब्रिक बांग्लादेश एक्सपोर्ट होता है जो इस राजनीतिक संकट की वजह से प्रभावित हो रहा है. बांग्लादेश इनका ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट करता है भारत-बांग्लादेश FTA के तहत और फिर रेडीमेड गारमेंट्स बनाकर भारत के डोमेस्टिक और लोकल बाजार में रेडीमेड गारमेंट्स की सप्लाई करता है जो सस्ते होते हैं.”

अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत और बांग्लादेश के बीच आर्थिक संबंध कितनी जल्दी सामान्य होने की तरफ आगे बढ़ते हैं.

यह भी पढ़ें –

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर क्या राय रखते हैं अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस, सामने होंगी कौन सी चुनौतियां?

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस को सबसे पहले करने होंगे यह 10 काम, देखिए लिस्ट

“रात में जगकर कर रहे रखवाली…” : बांग्लादेश में खौफ में जी रहे अल्पसंख्यक




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *