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झट सुनवाई, पट इंसाफ… मां को घर से निकालने पर डीएम ने बेटे की लगाई क्लास, ताला खुलवाकर दिलाया हक



कानपुर:

‘मां के कदमों के नीचे स्वर्ग होता है’… यह वाक्य एक शाश्वत सत्य है, जो मां के प्यार और बलिदान को दर्शाता है. मां अपनी संतान के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देती है और उनके भविष्य का निर्माण करती है, जो उनके प्यार और समर्पण का प्रतीक है. वहीं, उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बेटे ने अपनी मां के साथ अमानवीय व्यवहार किया. उसने न केवल अपनी मां को भद्दी-भद्दी गालियां दीं, बल्कि मां के मकान पर भी कब्जा कर लिया और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया. यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है.

कानपुर में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक कलयुगी बेटे ने अपनी मां को भद्दी-भद्दी गालियां दीं और उनके मकान पर कब्जा कर लिया. डीएम  जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की और मां को उनका मकान वापस दिलवाया. बेटे की करतूत सुनकर डीएम आग बबूला हो गए. जनता दरबार में उन्होंने बेटे से कहा कि तुम बेटे नहीं, कलंक हो.

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मामले की जांच में पता चला कि जब मां वृंदावन दर्शन के लिए गई हुई थी, तभी बेटे ने घर का ताला बदलकर उस पर कब्जा कर लिया. डीएम ने तुरंत एक महिला मजिस्ट्रेट को मां के साथ भेजकर मकान का ताला खुलवाया और कब्जा दिलवाया.

बेटे ने मकान पर लगा दिया था ताला
कानपुर के चौबेपुर में एक महिला के पति का दो साल पहले निधन हो गया था, जिसके बाद से उनका बेटा कृष्ण मुरारी और बहू उन्हें परेशान करने लगे. महिला का आरोप है कि उनका बेटा और बहू उन्हें गालियां देते थे और दामादों की हत्या करने की धमकी भी देते थे. जब महिला वृंदावन दर्शन के लिए गई थी, तो उनके बेटे ने पीछे से मकान पर ताला लगा दिया और कब्जा कर लिया.

हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
महिला ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई और हाईकोर्ट के आदेश पर कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने पेश हुई. डीएम ने बेटे को भी तलब किया और महिला ने अपने बेटे द्वारा दी जाने वाली गालियों के प्रमाण के रूप में कॉल रिकॉर्डिंग पेश की. रिकॉर्डिंग सुनकर डीएम बहुत गुस्से में हो गए.

सुमन देवी ने अपने बेटे कृष्ण मुरारी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि जब वह वृंदावनधाम दर्शन करने गई थीं, तो उनके बेटे ने घर का ताला तोड़कर अपना ताला डाल दिया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी को निस्तारण का आदेश दिया था.

सुमन देवी ने जिलाधिकारी के जनता दरबार में अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जिलाधिकारी ने कृष्ण मुरारी को तलब किया. जिलाधिकारी ने कृष्ण मुरारी को जमकर खरी-खोटी सुनाईं और मां के प्रति कर्तव्यों का अहसास कराया. कृष्ण मुरारी ने अपनी गलती का अहसास होने पर मां से माफी मांगी. जिलाधिकारी ने तुरंत माफीनामा लिखवाया और कृष्ण मुरारी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोबारा शिकायत मिली तो रिपोर्ट दर्ज कराकर जेल भेज दूंगा. इसके बाद, जिलाधिकारी ने एसीएम 7 को भेजकर घर का ताला खुलवाया और सुमन देवी को उनका घर वापस दिलवाया.





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