जम्मू-कश्मीर में जंगल में आग का बढ़ा खतरा, 30 जनवरी तक प्रभावी रहेगी NDMA की चेतावनी
<p style="text-align: justify;"><strong>Jammu Kashmir News:</strong> अगले सात दिनों में जम्मू-कश्मीर के जंगल को आग लगने का जोखिम पैदा हो गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने गुरुवार को चेतावनी जारी की है. पूरे प्रदेश में लंबे समय से सूखे की स्थिति बनी हुई है. इस वजह से जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं. एनडीएमए की चेतावनी 30 जनवरी तक सुबह 11 बजे तक प्रभावरी रहेगी.</p>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 20,230 वर्ग किलोमीटर जंगल है, जो इसके भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 10 फीसद है. लद्दाख को छोड़कर, जिसमें महत्वपूर्ण प्राकृतिक वनों की कमी है, वन क्षेत्र का अनुपात 47 फीसद तक बढ़ जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;">एनडीएमए के अलर्ट में कहा गया, "अगले सात दिनों में जम्मू-कश्मीर के वन क्षेत्रों में बहुत अधिक आग लगने का खतरा है. आपातकालीन स्थिति में 112 पर कॉल करें." कश्मीर क्षेत्र के जंगल मुख्य रूप से शुष्क समशीतोष्ण श्रेणी में आते हैं. जंगल में देवदार, कैल जैसी प्रजातियां अलग-अलग ऊंचाई पर पनपती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अगले सात दिन जंगल में आग लगने का बढ़ा जोखिम </strong></p>
<p style="text-align: justify;">ये सदाबहार वन, अपने हरे-भरे भू-आवरण के कारण, आमतौर पर आग के प्रति कम संवेदनशील होते हैं. लेकिन लंबे समय तक सूखे के दौरान आग लगने का जोखिम बढ़ जाता है. अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में 1 से 22 जनवरी तक 81 फीसद वर्षा कम हुई है. इस अवधि के लिए सामान्य 60.5 मिमी की तुलना में केवल 11.4 मिमी वर्षा हुई है. बारिश की बहुत ज्यादा कमी सूखे के दौरान जंगलों में आग लगने की बढ़ती संवेदनशीलता को रेखांकित करती है. </p>
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