जब सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुनाने बेंच के साथ बैठे कपिल सिब्बल, जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को एक और इतिहास रच दिया. ऐसा नजारा तो सुप्रीम कोर्ट में रोज देखने को मिलता है जब वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अदालत में बहस करते हैं. लेकिन सोमवार दोपहर का नजारा दुर्लभ था. जब कपिल सिब्बल किसी केस में बहस नहीं कर रहे थे बल्कि CJI डी वाई चंद्रचूड़ के साथ केसों के निपटारे के लिए बेंच में शामिल होकर फैसले सुना रहे थे. इतना ही नहीं इसी बेंच ने पति- पत्नी के बीच झगड़े के चलते उजड़ते हुए परिवार को बचा लिया.
लोक अदालत की बेंच में एक-दूसरे से कानूनी लड़ाई लड़ रहे पति- पत्नी ने अपने बच्चों के साथ फिर से रहने का फैसला कर लिया. हैरत की बात है ना! दरअसल सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई से दो अगस्त तक लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की पहली सात बेंच इन मामलों की सुनवाई कर रही है. इनमें जजों के साथ- साथ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के पदाधिकारियों और वकीलों को भी शामिल किया गया है.
जजों के साथ लोक अदालत पैनल के हिस्से के रूप में बार सदस्यों की उपस्थिति ने पूरे समाज में सही संदेश दिया है कि हम न्याय करने के अपने प्रयासों में एकजुट हैं, खासकर इन छोटे-छोटे मामलों में शामिल नागरिकों के लिए मुझे उम्मीद है कि इस लोक अदालत के साथ अब भविष्य में यह सुप्रीम कोर्ट में संस्थागत हो जाएगा. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मुझे एक मामला याद है जिसमें पति ने पटियाला हाउस कोर्ट में तलाक की कार्यवाही दायर की थी. और उसकी पत्नी ने भरण-पोषण की कार्यवाही दायर की थी और बच्चों की कस्टडी के लिए अर्जी दी थी. वे दोनों प्री-लोक अदालत में एक साथ बैठे और दोनों ने फैसला किया कि वे साथ रहेंगे. इसलिए जब वे दोनों लोक अदालत के सामने आए, उन्होंने कहा कि उन्होंने खुशी-खुशी साथ रहने का फैसला किया है. पत्नी ने कहा कि मुझे भरण-पोषण नहीं चाहिए क्योंकि हम बहुत खुशी से साथ रह रहे हैं.
जजों के साथ बेंच साझा कर क्या बोले कपिल सिब्बल?
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने NDTV से बातचीत करते हुए कहा कि पहली बार वो बार की ओर से नहीं बल्कि बेंच की तरफ रहे. ये मुकद्दर की बात है कि उनको इस तरह जजों के साथ बेंच साझा करने का मौका मिला. सिब्बल ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी तो सबसे पहले महाराष्ट्र मामले में उन्होंने ही बहस की शुरुआत की थी. सिब्बल ने कहा कि लोक अदालत लगाने का ये कदम सुप्रीम कोर्ट का बेहतरीन कदम है.
लोक अदालत में कौन-कौन बैठे थे?
CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, मनोज मिश्रा के साथ SCBA अध्यक्ष कपिल सिब्बल और SCORA अध्यक्ष विपिन नायर लोक अदालत में बैठे थे. जबकि जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अगुवाई में लोक अदालत कोर्ट रूम 2 में हुई. कोर्टरुम नंबर दो में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस के वी विश्वनाथन के साथ SCBA की वाइस प्रेसिंडेट रचना श्रीवास्तव और SCORA के वाइस प्रेसिंडेट अमित शर्मा मौजूद थे.
वहीं कोर्ट रूम 3 में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एमएम सुंदरेश के साथ SCBA महासचिव विक्रांत यादव और SCORA सचिव निखिल जैन बैठे थे. कोर्टरूम चार में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां लोक अदालत की कार्यवाही के लिए वरिष्ठ वकील वीवी गिरी और वकील के परमेश्वर के साथ बेंच साझा करते नजर आए. कोर्टरूम पांच में जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस पी एस नरसिम्हा के साथ वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया और वकील शादान फरासत बेंच में बैठे थे.
कोर्टरूम 6 में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस दीपांकर दत्ता के साथ वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी मौजूद रहे. कोर्टरुम 7 में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पी बी वराले के साथ वरिष्ठ वकील माधवी दीवान और वकील बालाजी श्रीनिवासन भी बेंच में शामिल रहे. इस बारे में SCORA सचिव निखिल जैन ने अपने पहले अनुभव को साझा करते हुए कहा कि CJI डी वाई चंद्रचूड़ का ये ऐतिहासिक कदम है जिससे आम लोगों को बहुत फायदा होगा.
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