चुने गए 15 पाकिस्तानी, लेकिन सब पर भारी पड़ गए अपने ये 29 हिंदुस्तानी, देखिए लिस्ट
Indian MP In Britain House Of Commons: ब्रिटेन चुनाव में लेबर पार्टी ने कंजर्वेटिव पार्टी की 14 साल की सत्ता को खत्म कर बागडोर अपने हाथों में ले ली है. कीर स्टार्मर देश के 58वें प्रधानमंत्री बने हैं. हाउस ऑफ कॉमन्स की 650 सीटों में से लेबर पार्टी ने 412, सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ने 121, लिबरल डेमोक्रेट्स ने 71, अन्य ने 11, SNP-9, सिन फिन ने 7, रिफॉर्म यूके ने 5, डीयूपी ने 5, ग्रीन (ई&डब्लू) ने 4 और प्लेड सिमरू ने 4 सीटों पर जीत हासिल की है. खास बात यह है कि ब्रिटेन चुनाव में इस बार भारतीयों का दबदबा रहा है. इस साल भारतीय मूल के रिकॉर्ड 29 सांसद चुने गए हैं. जिनमें लेबर पार्टी के 19, कंजर्वेटिव पार्टी के 7, निर्दलीय 2 और एक डेमोक्रेटिक सांसद हैं. वहीं वहीं बात अगर पाकिस्तान की की जाए तो ब्रिटेन चुनाव में पाकिस्तानी मूल के संसदों की संख्या 15 है. मतलब भारतीय यहां भी पाकिस्तानियों पर भारी पड़ते दिखे हैं. पाकिस्तानी सासंदों से भारतीय मूल के 14 सांसद ज्यादा हैं. इस तरह से ब्रिटेन में भी भारतीयों का डंका बजा है.
लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसदों में 12 चेहरे नए हैं और 6 ने अपनी पिछली सीटों पर ही जीत हासिल की है. वहीं कंजर्वेटिव में 2 नए चेहरे हैं और सुनक समेत पांच टोरी सांसदों ने अपनी सीटें बरकरार रखी हैं. अब हाउस ऑफ कॉमन्स में 29 भारतीय मूल के दिखाई देंगे.
लेबर पार्टी के नए सांसद (भारतीय मूल)
1-बग्गी शंकर: एक सिख सांसद हैं. उन्होंने डर्बी साउथ सीट पर जीत हासिल की है. वह शुरुआत से ही लेबर पार्टी में हैं. उनका जन्म यूके में ही गुआ और वह यहीं पर पले-पढ़े हैं. उनके पिता 1950 के दशक में यूके आए थे और एक फाउंड्री में काम करने लगे. वह रोल्स-रॉयस के लिए काम करते हैं. साथ ही वह लेबर काउंसलर भी हैं. वह 18 जून तक डर्बी सिटी काउंसिल के लेबर नेता थे, लेकिन विपक्षी पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया था.
2-गुरिंदर सिंह जोसन: ने 51 साल की उम्र में स्मेथविक की सुरक्षित सीट से जीत हासिल की है. उन्हें साल 2019 में नए साल के सम्मान में “राजनीतिक सेवा के लिए” सीबीई नियुक्त किया गया था. वह गुरु नानक गुरुद्वारा, स्मेथविक के ट्रस्टी भी रहे, जहां पिछले साल अवतार सिंह का अंतिम संस्कार हुआ था.
3-हरप्रीत उप्पल: एक ब्रिटिश सिख सांसद हैं. उन्होंने हडर्सफ़ील्ड सीट पर जीत हासिल की है. इस निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिस करने वाली ये पहली महिला सांसद हैं. उप्पल का जन्म फारटाउन में हुआ था. वह वहीं पर पली-बढ़ी हैं. वह टेक्सटाइव वर्कर लम्बर सिंह उप्पल और उनकी पत्नी सतविंदर की बेटी हैं. उनके पिता 1962 में भारत से यूके आए थे और यहीं बस गए.
4-जस अठवाल: 60 साल के जस अठवाल ने इलफ़र्ड साउथ सुरक्षित सीट से जीत हासिल की है. अठवाल का जन्म पंजाब में एक पंजाबी जाट सिख परिवार में हुआ था. जब वह 7 साल के थे, तभी उनका परिवार इलफ़र्ड में आकर बस गया था. तब से वह यहीं रह रहे हैं.
5-जीवुन संधेर: 33 साल के जीवुन संधेर ने लॉफबोरो सीट से जीत हासिल की है. उनका जन्म ब्रिटेन में हुआ था. उनका उनका परिवार पंजाब के जालंधर के पास से ताल्लुक रखता है. वह एक ब्रिटिश सिख हैं और थिंक टैंक न्यू इकोनॉमिक्स फाउंडेशन में अर्थशास्त्र टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. वह पहले ट्रेजरी में काम करते थे. उससे पहले वह सोमालीलैंड के वित्त मंत्रालय में अर्थशास्त्री थे, जहां उन्होंने उनकी राष्ट्रीय विकास योजना और बजट का सह-लेखन किया था.
6-कनिष्क नारायण: 34 साल के कनिष्क नारायण ने वेले ऑफ़ ग्लेमोर्गन सीट से जीत हासिल की है. पहले यह सीट कंजर्वेटिव पार्टी के पास थी. वह वेस्टमिंस्टर में वेल्श निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने गए फर्स्ट एथनिक अल्पसंख्यक सांसद बन गए. उनका जन्म बिहार में हुआ था. 12 साल की उम्र में वह परिवार के साथ वेल्स आकर बस गए. उनकी पढ़ाई ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड से हुई. वह कैबिनेट कार्यालय में वरिष्ठ सलाहकार और पर्यावरण सचिव के विशेषज्ञ सलाहकार थे. वह एक टेक्नोलॉडी कंसल्टेंट हैं, जिन्होंने जलवायु और फिनटेक स्टार्ट-अप में निवेश किया है.
7-किरिथ एंटविस्टल: किरिथ एंटविस्टल ने बोल्टन नॉर्थ ईस्ट सीट से जीत हासिल की है. वह एक ब्रिटिश पंजाबी हैं. उनका जन्म साउथहॉल में हुआ था. उनके भारत में जन्मे नाना-नानी 1970 के दशक में केन्या से ब्रिटेन चले गए थे. उनके पिता 1980 के दशक में दिल्ली से यूके आकर बस गए थे.
8-सतवीर कौर: सतवीर कौर भी ब्रिटिश सिख सांसद हैं. उन्होंने साउथेम्प्टन टेस्ट से जीत हासिल की है. वह साउथेम्प्टन सिटी काउंसिल की पार्षद और पूर्व लेबर नेता हैं, तब वह इस सीट का नेतृत्व करने वाली पहली एथनिक अल्पसंख्यक सदस्य थीं.
9-वारिंदर जस: वारिंदर जस एक सिख हैं. उन्होंने वॉल्वरहैम्प्टन वेस्ट सीट पर जीत हासिल की है. उन्होंने इस सीट को कंजर्वेटिवो से छीन कर कब्जा जमा लिया है.
10-सोजन जोसेफ: सोजन जोसेफ केरल से ताल्लुक रखते हैं. वह मूल रूप से केरल के कोट्टायम के कैपुझा के रहने वाले हैं, उन्होंने काउंटी के एशफोर्ड क्षेत्र से जीत हासिल की है. उन्होंने 22 साल पहले यूके में रहने आए थे. इस दौरान उन्होंने यहां पर एनएचएस नर्स के रूप में काम किया. बाद में वह लेबर काउंसलर बन गए.
11-सोनिया कुमार: सोनिया कुमार सिख कम्यूनिटी से ताल्लकु रखती हैं. उन्होंने अपने कंजर्वेटिव प्रतिद्वंद्वी मार्को लोंघी को हराकर डुडले सीट से जीत हासिल की है. उन्होंने ब्रिटिश पाकिस्तानी कॉन्टीट्यूएंट को चिट्ठी लिखकर संसद में कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने और अपने नाम को रेखांकित करने को लेकर सवाल उठाया था.
12-सुरीना ब्रैकेनरिज: सुरीना ब्रैकेनरिज ने वॉल्वरहैम्प्टन नॉर्थ से जीत हासिल की है.
13-प्रीत कौर गिल: प्रीत कौर गिल ने बर्मिंघम एजबेस्टन सीट पर जीत हासिल की है. उन्होंने सुरक्षित लेबर सीट पर 16,599 वोट हासिल किए . 44.3 प्रतिशत वोट के साथ जीत हासिल की है. उनका जन्म बर्मिंघम में हुआ था.उनके माता-पिता भारतीय हैं. उनके पिता गुरुनानक गुरुद्वारा, स्थिथविक के प्रजिडेंट रह चुके हैं, जो कि यूके का पहला गुरुद्वारा था.
14-तन्मनजीत सिंह ढेसी: मूल रूप से पंजाब के जालंधर के रहने वाले तनमनजीत सिंह ने स्लोघा सीट से जीत हासिल की है.
15-नवेंदु मिश्रा: नवेंदु मिश्रा ने स्टॉकपोर्ट सीट से जीत हासिल की है. वह मूल रू से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं. उनका ननिहाल गोरखपुर से हैं. उन्होंने ब्रिटेन चुनाव में दूसरी बार जीत हासिल की है.
16-सीमा मल्होत्रा: सीमा मल्होत्रा फेल्थम एंड हेस्टम सीट से लेबर पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की है.
17-वालेरी वैज: मूल रूप से गोवा मूल की रहने वाली वालेरी वाज ने वाल्सॉल और ब्लॉक्सविच सीट से जीक हासिल की है. वह कीथ वाज की बहन हैं.
18-लीसा नंदी: लीसा नंदी ने विगान सीट से भारी वोटों से जीत हासिल की है. उनको कीर स्टार्मर की कैबिनेट में संस्कृति, मीडिया एवं खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
19-नादिया व्हिटोम: नादिया व्हिटोम ने नॉटिंघम ईस्ट से लेबर पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की है. वह समलैंगिक सिख सांसद हैं. उन्होंने इस सीट से दोबारा जीत हासिल की है.
लिव डेम्स
20- मुनीरा विल्सन: मुनीरा विल्सन ने ट्विकेनहैम सीट से एक बार फिर से जीत हासिल की है.
निर्दलीय उम्मीदवार
21-इक़बाल मोहम्मद: इक़बाल मोहम्मद ने के माता-पिता 1960 के दशक में भारत से ब्रिटेन आकर बस गए थे. उन्होंने ड्यूसबरी और बैटले सीट से जीत हासिल की है.
22-शौकत आदम: शौकत आदम ने लीसेस्टर साउथ सीट से जीत हासिल की है. वह 3 साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ मलावी से यूके आ गए थे.
कंजर्वेटिव सांसद (भारतीय मूल)
23-ऋषि सुनक: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे ऋषि सुनक भले ही आम चुनाव हार गे हों लेकिन वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने रिचमंड एंड नॉर्थएलर्टन सीट से
47.5 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल की है.
24-सुएला ब्रेवरमैन: सुएला ब्रेवरमैन ने कंजर्वेटिक पार्टी के टिकट पर फेयरहम और वाटरलूविले सीट से जीत हासिल की है. लेकिन अपनी पार्टी की हार पर उन्होंने देश की जनता से माफी मांगते हुए कहा क् हम अपने वादे पूरे नहीं कर सके.
25-प्रीति पटेल: प्रीति पटेल ने कंजर्वेटिव पार्टी के टिकट पर विथम इन एसेक्स सीट से जीत हासिल की है.
26-गगन मोहिंद्रा: गगन मोहिंद्रा ने साउथ वेस्ट हर्टफोर्डशायर सीट पर जीत हासिल की है.
27-शिवानी रजा: ने लीसेस्टर ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है.
28-नील शास्त्री-हर्स्ट : नील ने इंग्लैंड के सोलिहुड और सिर्ले सीट से जीत हासिल की है. वह मूल रूप से गुजरात से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का जन्म वडोदरा में हुआ था लेकिन वह 1970 के दशक में यूके आ गए थे.यहां उन्होंने एक ब्रिटिश महिला से शादी कर ली. नील का जन्म भी यूके में ही हुआ था.
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