क्या होती है डाक कांवड़ यात्रा, क्यों होती है कठिन?
Kanwar Yatra 2024 : भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो गई है. इस बार सावन मास की शुरुआत सोमवार से ही हुई है. इस माह में शिवभक्त कांवड़ यात्रा लेकर निकलते हैं, जिसके नियम काफी कठोर होते हैं. कांवड़ यात्रा (Sawan Kanwar Yatra 2024) चार तरह की होती है, जिसमें सबसे कठिन डाक कांवड़ यात्रा (Dak Kanwar 2024) मानी जाती है. इसके नियम बहुत कठिन होते हैं. आइए जानते हैं आखिर डाक कांवड़ यात्रा क्या होती है, यह सामान्य कांवड़ यात्रा से कितनी अलग है और इसके क्या-क्या नियम हैं…
चार तरह की होती है कांवड़ यात्रा
1. सामान्य कांवड़ यात्रा
2. खड़ी कांवड़ यात्रा
3. दांडी कांवड़ यात्रा
4. डाक कांवड़ यात्रा
डाक कांवड़ यात्रा क्या है, यह इतनी कठिन क्यों
डाक कावड़ यात्रा कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं है. इसके नियम काफी कठोर होते हैं. शास्त्रों के अनुसार, डाक कांवड़ यात्रा पर निकले शिवभक्त एक बार कांवड़ यात्रा लेकर निकल गए तो शिवधाम तक पहुंचने तक रुकते नहीं हैं. मतलब उन्हें लगातार चलना पड़ता है. इस यात्रा को पूरा करने का समय भी तय होता है. 24 घंटे के अंदर ही शिव मंदिर तक पहुंचना होता है, यही कारण है कि बाकी कांवड़ यात्रा की तुलना में डाक कांवड़ यात्रा कठिन मानी जाती है. इस यात्रा को पूरा करने के लिए ज्यादातर शिवभक्त टोली में चलते हैं. इसमें एक कांवड़िया कांवड़ लेकर दौड़ता है और टोली के बाकी सदस्य वाहन में होते हैं, जब एक कांवड़िया कंधे पर कांवड़ लेकर दौड़ते-दौड़ते थक जाता है, तो दूसरा कांवड़ को लेकर दौड़ता है. इसका नियम है कि एक बार कांवड़ उठने के बाद रुकना नहीं है.
कांवड़ यात्रा के क्या-क्या नियम हैं
1. कांवड़ यात्रा करने से पहले सात्विक जीवन जीना होता है.
2. यात्रा से कुछ हफ्ते पहले ही तामसिक भोजन छोड़ना होता है.
3. शराब, सिगरेट, तंबाकू से दूरी बनानी होती है.
4. कांवड़ यात्रा पर निकले भक्तों को बुरे विचार मन में नहीं लाना है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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