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किस दिन रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत, जानिए भगवान शिव को इस दिन लगाएं कैसा भोग


किस दिन रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत, जानिए भगवान शिव को इस दिन लगाएं कैसा भोग

Bhog For Pradosh Vrat: मंगवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहते हैं. 

Bhaum Pradosh Vrat 2025: हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन मान्यतानुसार भगवान शिव (Lord Shiva) का पूजन होता है. माना जाता है कि पूरे मनोभाव से जो भक्त भगवान शिव की पूजा-आराधना करते हैं उन्हें भोलेनाथ की कृपा मिलती है और आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है. इतना ही नहीं, प्रदोष व्रत की पूजा संपन्न करने पर घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. ऐसे में यहां जानिए इस महीने कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत और व्रत के दिन भगवान शिव को किन चीजों का भोग लगाना माना जाता है शुभ. 

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मार्च में कब रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत | Bhaum Pradosh Vrat Date In March 

पंचाग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 मार्च की सुबह 8 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 मार्च सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक रहने वाली है. ऐसे में मार्च का पहला प्रदोष व्रत 11 मार्च, मंगलवार के दिन रखा जाएगा. मंगलवार के दिन पड़ने के चलते इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. 

भगवान शिव को लगाएं इन चीजों का भोग 

  • भगवान शिव को प्रदोष व्रत के दिन भांग और धतूरे का भोग लगाया जा सकता है. इस भोग से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं. 
  • प्रदोष व्रत पर साबुदाने की खिचड़ी को भी भोग में लगाया जा सकता है. 
  • हलवा भी भोग (Bhog) के लिए अच्छा होता है. इस भोग से मनचाही इच्छाएं पूरी होने का वरदान मिलता है. 
  • महादेव को चावल की खीर पसंद होती है. ऐसे में चावल की खीर भी भोग में लगाई जा सकती है. 
  • प्रदोष व्रत के भोग में कुट्टू की पकौड़ियां शामिल की जा सकती हैं.

बजरंगबली की भी होती है पूजा 

मंगलवार के दिन पड़ने के चलते भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ ही बजरंगबली की पूजा भी की जाती है. इस दिन हनुमान मंदिर जाकर पूजा की जाती है. हनुमान जी को इस दिन बूंदी का भोग लगाया जा सकता है. 

करें इन मंत्रों का जाप 

  • ॐ नमः शिवाय
  • ॐ महादेवाय नमः
  • ॐ ऐं नम: शिवाय
  • ॐ ह्रीं नम: शिवाय
  • ॐ कार्तिकेय नमः
  • ॐ पार्वती नमः
  • श्री शिवाय नमः
  • श्री शंकराय नमः
  • ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)





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