Will Repeal Previous Governments Bills If Needed To Improve Karnatakas Economic Condition: Priyank Kharge – कर्नाटक की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जरूरत पड़ने पर पिछली सरकार के बिल निरस्त करेंगे : प्रियांक खरगे
कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार क्या पिछली बीजेपी सरकार के दौर में पास हुए कई आदेशों और कानूनों की समीक्षा करेगी या उन्हें वापस लेगी? उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने तो सत्ता संभालते ही पुलिस के भगवाकरण का सवाल उठा दिया था और मोरल पुलिसिंग, यानी नैतिकता की ठेकेदारी से दूर रहने को कहा था.
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अब इस तरह के कई कयास चल रहे हैं कि सिद्धारमैया सरकार स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा कर सकती है या धर्मांतरण बिल वापस ले सकती है. कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने घोषणा पत्र में कहा था कि सत्ता में आने पर वह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले संगठनों पर पाबंदी लगाएगी और इस सिलसिले में कांग्रेस ने पीएफआई के साथ बजरंग दल का नाम भी लिया था. इस पर काफ़ी राजनीतिक विवाद हुआ और बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की थी.
इस सिलसिले में अब कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे का बयान आया है जिसमें उनका कहना है कि उनकी सरकार पिछली सरकार के सभी नीतिगत मामलों की समीक्षा करेगी.
आपने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले संगठनों पर पाबंदी की बात कही है. उसमें आरएसएस और बजरंग दल का भी ज़िक्र है.लेकिन बीजेपी ने कटाक्ष किया है कि पहले सोनिया गांधी से पूछ लें कि क्या आरएसएस भारत विरोधी है. प्रियांक खरगे ने इस सवाल पर NDTV से कहा, ”कोई भी संगठन जो असंवैधानिक काम करेगा, कानून हाथ में लेगा या कम्युनलिज्म पर दहशत का माहौल पैदा करेगा उन लोगों से हम कानूनी तौर पर निपटेंगे. इसमें प्राब्लम क्या है बीजेपी की, क्या वे कह रहे हैं कि हम कानून का पालन न करें, संविधान का पालन न करें? आरएसएस हो, पीएफआई हो या बजरंग दल हो, अगर वह गैरकानूनी या असंवैधानिक काम करेंगे तो क्या हमें उनका सम्मान करना चाहिए?”
आपने कहा कि उन सभी बिलों और आदेशों को पलट दिया जाएगा जो दकियानूसी हैं. तो आप किन बिलों पर पुनर्विचार करेंगे? सवाल पर प्रियांक खरगे ने कहा, ”वे आर्डर जो हमारी आर्थिक प्रगति में बाधा डाल रहे हैं, वह हर बिल हम रि-एक्जामिन करेंगे. अगर जरूरत पड़े तो रिजेक्ट भी करेंगे. हमें आर्थिक व्यवस्था सुधारने के लिए जो भी कदम उठाना पड़ेगा वह उठाएंगे. चाहे वह एंटी काउंसलेटर बिल हो, एंटी कनवर्जन बिल हो, ईज ऑफ डूइंग के लिए जो भी करना पड़ेगा, करेंगे. हमें कर्नाटक की आर्थिक परिस्थिति सुधारना है. युवाओं को नौकरी पर लगाना है.”
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