Sports

Will Not Hesitate To Retaliate If Provoked: Rajnath Singh On Kargil Day – अगर उकसाया गया तो जवाबी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे : कारगिल दिवस पर राजनाथ सिंह



रक्षा मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे न केवल अप्रत्यक्ष रूप से बल्कि प्रत्यक्ष रूप से भी देश की रक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें. राष्ट्र ने भारत की ऐतिहासिक विजय की 24 वीं वर्षगांठ पर 1999 के कारगिल युद्ध के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसे हर साल 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का भारत सैनिकों के बलिदान की नींव पर टिका है. राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन विजय’ को एक ऐसी कड़ी के रूप में वर्णित किया, जिसने भारत के धैर्य और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया क्योंकि यह विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी जमीन पर खड़ा था. उन्होंने इस जीत को एक लॉन्च पैड करार दिया, जिसने देश को सफलता की ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए प्रेरित किया.

राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारी महानता कभी न गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार जब हम गिरते हैं तो उठने में है. युद्ध के दौरान दुश्मन के पास सामरिक सैन्य लाभ होने के बावजूद, हमारी सेनाओं ने उन्हें पीछे धकेलने और हमारी भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए बेजोड़ बहादुरी और कौशल का प्रदर्शन किया. जीत के साथ, भारत ने पाकिस्तान और दुनिया को एक संदेश दिया कि अगर राष्ट्र के हितों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो हमारी सेना किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी.

रक्षा मंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, चाहे कोई भी चुनौती हो. उन्होंने कहा, ”देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. हमने सशस्त्र बलों को देश के दुश्मनों को खत्म करने की खुली छूट दी है. भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, जो अपने सदियों पुराने मूल्यों में विश्वास करता है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन अपने हितों की रक्षा के लिए, हम एलओसी पार करने में संकोच नहीं करेंगे. हम अपने बलों के साथ मजबूती से खड़े हैं. लोगों और संसद को हमारे सैनिकों पर पूरा भरोसा है.

राजनाथ सिंह ने परमवीर चक्र (पीवीसी) पुरस्कार विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन मनोज पांडे व वीर चक्र (वीआरसी) पुरस्कार विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल आर विश्वनाथन, कैप्टन जिंटू गोगोई, कैप्टन विजयंत थापर और नायब सूबेदार मांगेज सिंह सहित कारगिल युद्ध के कई बहादुरों के वीरतापूर्ण कार्यों को याद किया, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.

रक्षा मंत्री ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन का विशेष उल्लेख किया, जिन्होंने युद्ध के दौरान असाधारण साहस का प्रदर्शन किया और यह संदेश फैलाया कि जब देश की सीमाओं की सुरक्षा की बात आती है तो भारतीय महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों से कम नहीं हैं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये सभी सैनिक भारत के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित थे, लेकिन राष्ट्र और उसके लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक के रूप में लड़े..

 राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध केवल हथियारों और बमों से नहीं लड़े और जीते जाते हैं; बहादुरी और अदम्य भावना समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा, यह इच्छा शक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना भारतीय सैनिकों को बाकी लोगों से अलग करती है, उन्होंने कहा कि “हमारी सेनाएं देश, इसकी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा के लिए देशभक्ति के मूल्यों से ओत-प्रोत हैं.

रूस-यूक्रेन संघर्ष का उदाहरण देते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि युद्ध, जो पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जारी है, आज के समय में संघर्षों की अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि युद्ध लंबा हो गया है क्योंकि लोग प्रशिक्षण ले रहे हैं और अपने उद्देश्य के लिए लड़ने में अपनी सेना में शामिल हो रहे हैं.

 राजनाथ सिंह ने लोगों का आह्वान किया कि वे न केवल अप्रत्यक्ष रूप से बल्कि प्रत्यक्ष रूप से भी युद्धों में भाग लेने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा, ‘लोगों को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए ताकि जब भी देश को उनकी जरूरत हो, वे सशस्त्र बलों की मदद के लिए तैयार रहें. जैसे हर सैनिक भारतीय है; इसी तरह हर भारतीय को एक सैनिक की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए.

लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (सेवानिवृत्त), उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी,  14 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली, लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल अमरनाथ औल (सेवानिवृत्त) ने समारोह में भाग लिया.

Featured Video Of The Day

बारिश के बाद देश के कई राज्यों में बढ़ रहे हैं डेंगू के मरीज



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *