Will JDU Strong Muslim Leader Gulam Gaus Also Resign Nitish Kumar Party Cleared his Stand ANN
Bihar News: बिहार में जेडीयू से जुड़े तीन नेताओं-कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया है. हालांकि जेडीयू का कहना है कि इस्तीफा देने वालों का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. इस बीच जेडीयू से जुड़े जो बड़े मुस्लिम नेता हैं उनका स्टैंड भी अब साफ होने लगा है. जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस भी वक्फ संशोधन विधेयक से खुश नहीं हैं लेकिन वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे. शुक्रवार (04 अप्रैल) को एबीपी न्यूज़ से उन्होंने बातचीत में साफ कहा, “हम जेडीयू नहीं छोड़ेंगे. कौन इस्तीफा दे रहा है उस पर पार्टी क्या कह रही है, इससे हमको मतलब नहीं है.”
जेडीयू नेता ने कहा, “मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है. फैसला हमें क्या देगा. हमें उनसे हैं वफा की उम्मीद, जो जानते नहीं वफा क्या है.” उन्होंने आगे कहा कि इस विधेयक से मैं सहमत नहीं हूं. कृषि कानून की तरह इस विधेयक को प्रधानमंत्री मोदी तुरंत वापस लें. यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26 के विरुद्ध है. यह विधेयक लाकर मुस्लिम समाज का अहित किया गया. इस विधेयक के जरिए देश को बांटने की कोशिश है.
‘हमारे साथ ही छेड़छाड़ क्यों?’
गुलाम गौस ने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से सीएए, एनआरसी, ट्रिपल तलाक बिल, धारा 370, अब वक्फ विधेयक, क्या सुधार के लिए सिर्फ मुसलमान नजर आता है? पटना के महावीर मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर में संचालन समिति में तो मुस्लिम नहीं रह सकता है. अयोध्या राम मंदिर में मुस्लिम कस्टोडियन नहीं हो सकता. हमारे साथ ही छेड़छाड़ क्यों?
गुलाम गौस ने कहा कि हमारी पार्टी के सांसदों ने संसद में समर्थन किया है वह उनकी इच्छा है. मेरी अपनी राय है. मेरी गर्दन पर छुरी चल रही है तो मैं ही न बोलूंगा. किसान आंदोलन में 700 लोग मारे गए. खुद के लिए देश को अब दोबारा आंदोलन की भट्टी में मत डालिए. मुस्लिम समाज को सड़क पर उतरने से बचाने का काम प्रधानमंत्री मोदी करें. कई राज्यों में वक्फ संपत्ति का दुरुपयोग हुआ जहां बीजेपी की सरकारें हैं. क्यों नहीं बीजेपी ने रोक लिया?
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