Why BJP Lost Lok Sabha Election in UP Bhupendra Chaudhary Submit Report to JP Nadda Constitution Change
BJP News: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला. यूपी में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद शिकस्त की वजहों की तलाश हो रही है. यूपी के बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी इसी सिलसिले में शनिवार (22 जून) को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे. यहां पर उन्होंने एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें ये बताया गया कि आखिर किन कारणों से बीजेपी की यूपी में इतनी बुरी दशा हुई है.
भूपेंद्र चौधरी ने नड्डा को यूपी के हालातों की जानकारी दी है. महंत राजू दास के साथ अयोध्या में बीजेपी की समीक्षा बैठक के दौरान दो मंत्रियों की मौजूदगी में DM के साथ हुई झड़प की जानकारी भी दी गई. दरअसल, बीजेपी को अयोध्या-फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार को पचाना भी मुश्किल हो रहा है. राम मंदिर निर्माण के बाद यहां से बीजेपी जीत का दम भर रही थी. हालांकि, चुनाव नतीजों में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद को यहां से जीत मिली है.
किन वजहों से बीजेपी को मिली हार?
बीजेपी की समीक्षा में अभी तक सामने आए हार के कारणों की जानकारी दी गई है. हार के पीछे पांच प्रमुख वजहें हैं, जो निम्नलिखित हैं:-
- लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों की मनमानी
- चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं होना
- संविदा पर की जा रही भर्तियों और उनमें आरक्षण नहीं होने के मुद्दे को लेकर लोगों के बीच असंतोष पनपना
- बीजेपी नेताओं के जरिए संविधान बदलने की बात कहना
- मतदाता सूची से नाम कटने की बात
यूपी में बीजेपी को कितनी सीटें मिलीं?
देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य यूपी में बीजेपी को 80 में से 33 सीटों पर जीत मिली है. अगर 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से इसकी तुलना की जाए तो ये सीटें लगभग आधी हैं. 2019 में बीजेपी को 62 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल उसके सहयोगियों अपना दल और आरएलडी को क्रमशः एक और दो सीटों पर जीत मिली. इस तरह एनडीए के खाते में 80 में से 36 सीटें आईं.
उधर इंडिया गठबंधन ने यूपी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 43 सीटों पर जीत हासिल की है. यूपी में इंडिया गठबंधन की तीन पार्टियां चुनाव लड़ रही थीं, जिसमें समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस शामिल थीं. समाजवादी पार्टी को 36 सीटों पर जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आई हैं. टीएमसी एक सीट पर चुनाव लड़ रही थी, लेकिन उसे जीत हासिल नहीं हुई. इस तरह इंडिया गठबंधन को कुल मिलाकर 43 सीटों पर जीत मिली.
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