News

When Is Sankashti Chaturthi 2024 April Note Down The Correct Date – 27 या 28 अप्रैल कब है संकष्टी चतुर्थी, डेट को लेकर हैं कंफ्यूज तो यह है सही तारीख, यहां जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त


 संकष्टी चतुर्थी की पूजा करने के लिए सबसे पहले भगवान गणेश का जलाभिषेक करें.फिर भगवान श्री  गणेश को फूल, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं.  भगवान गणेश को तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं.  भोग लगाने के बाद विकट संकष्टी चतुर्थी की कथा पढ़े. ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें. इसके बाद भगवान श्री गणेश की आरती करें और चंद्रमा को देखकर प्रार्थना करें.  चंद्रमा को देखकर अपना व्रत खोलने और किसी भी तरह की गलती की माफ़ी के लिए क्षमा प्रार्थना करें.

 चंद्रमा निकलने का समय

 27 अप्रैल 2024 को रात 10: 30 मिनट पर सूर्योदय होगा.  हालांकि अलग अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा सा अंतर हो सकता है.  चंद्रोदय और चंद्रमा दर्शन के बाद व्रत संपूर्ण माना जाता है. 

Latest and Breaking News on NDTV

गणेश जी की आरती 


जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,

चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे

मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,

और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे

संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,

कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत

निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,

सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,

शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो

जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

गर्मियों में भी फटने लगी हैं एड़ियां, तो जानिए इसका कारण और घरेलू उपचार



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *