what is Project 2025 and why Kamala called it Trump devious plan
अमेरिका में राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस ने बुधवार को अपने प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रम्प पर गंभीर आरोप लगाए. हैरिस ने कहा, ट्रम्प ‘प्रोजेक्ट 2025’ एजेंडा प्लान कर रहे हैं, वे अमेरिकी नागरिकों के दैनिक जीवन को नियंत्रित करना चाहते हैं. कमला हैरिस के इन आरोपों का ट्रम्प ने भी जवाब दिया.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कमला हैरिस के साथ एबीसी न्यूज की पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में इन आरोपों को खारिज किया. ट्रम्प ने प्रोजेक्ट 2025 से दूरी बनाते हुए कहा कि उन्होंने इसे अब तक पढ़ा तक नहीं.
क्या है ‘प्रोजेक्ट 2025’?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ‘प्रोजेक्ट 2025’ चर्चा का विषय बना हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी ‘प्रोजेक्ट 2025’ को खतरनाक एजेंडा बताते हुए जनता से चुनावों में ट्रम्प को वोट न देने की अपील की थी.
दरअसल, ‘प्रोजेक्ट 2025’ कंजर्वेटिव प्रस्तावों का एक सेट है. रिपब्लिकन पार्टी के आलोचकों का दावा है कि अगर ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बने तो इसे लागू किया जाएगा.
कमला हैरिस के समर्थक लगातार आरोप लगा रहे हैं कि ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद कट्टर-दक्षिणपंथी नीतियों को लागू किया जाएगा. ‘प्रोजेक्ट 2025’ करीब 900 पन्नों का एक प्रस्ताव है. इसे सैकड़ों कंजर्वेटिव ने मिलकर तैयार किया.
‘प्रोजेक्ट 2025’ का क्या है ट्रम्प से कनेक्शन?
प्रोजेक्ट 2025 हेरिटेज फाउंडेशन की देखरेख में तैयार हुआ है. यह दक्षिणपंथी थिंकटैंक है. हालांकि, ट्रम्प अभियान से इसका कोई लेना देना नहीं है. हालांकि, रायटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रम्प के तमाम करीबी नीति सलाहकार और उनके प्रशासन में वरिष्ठ पदों पर बैठे तमाम लोग इस प्रोजेक्ट में सीधे तौर पर शामिल हैं.
कमला हैरिस के अभियान की वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है कि प्रोजेक्ट 2025 राज्यों को महिलाओं के गर्भपात और गर्भपात पर रिपोर्ट करने के लिए मजबूर करने, सामाजिक सुरक्षा और मेडिकेयर में कटौती करने और शिक्षा विभाग को खत्म करने जैसे नियमों को लागू करके लोगों की स्वतंत्रता को छीन लेगा. इसमें कहा गया है कि प्रोजेक्ट 2025 ट्रम्प के दोबारा चुने जाने के बाद उनके 180 दिन के कार्यकाल पर केंद्रित है.
आरोप लगाया गया है कि प्रोजेक्ट 2025 के तहत, ट्रम्प के पास सारी शक्तियां होंगी, जिससे उनके लिए गैर-पक्षपातपूर्ण सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो जाएगा. यह भी आरोप लगाया गया कि प्रस्ताव का उद्देश्य न्याय विभाग और FBI की स्वतंत्रता को खत्म करना है.