What Is 987 Study Method To Increase Work Efficiency Of Students – बच्चा पढ़ते समय कभी नहीं करेगा फिर आनाकानी, बस आज से 9-8-7 स्टडी मेथड अपनाइए, ये है बेस्ट तरीका
खास बातें
- बच्चा पढ़ने में आनाकानी करता है.
- तो आप इस मेथड से पढ़ाइए.
- फिर खुद बैठ जाएगा पढ़ने.
Parenting tips: दिन में 24 घंटे ही होते हैं और इस 24 घंटे को हमें बैलेंस करके चलना चाहिए, जिसमें से कुछ घंटे काम के लिए, कुछ घंटे फैमिली और फ्रेंड्स के लिए, कुछ घंटे आराम के लिए होने चाहिए. ठीक इसी तरीके से जो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें भी इन 24 घंटे को 9-8-7 मेथड से अप्लाई करना चाहिए और एक हेल्दी और इफेक्टिव लाइफस्टाइल जीनी चाहिए. अब आप सोच रहे होंगे कि यह 9-8-7 मेथड है क्या? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इस स्टडी मेथड के बारे में और कैसे आप इसे अपनी लाइफ में अप्लाई कर सकते हैं.
रिसर्च में आया क्यों जरूरी है बच्चे के लिए 6 महीने तक मां का दूध, इन बीमारियों से बचाता है उन्हें
9-8-7 स्टडी मेथड
यह भी पढ़ें
9-8-7 तकनीक एक ऐसी मेथड है जो लाइफ को बैलेंस करने, प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में और आपकी रिकवरी में काम आती है. दरअसल, 987 नियम का मतलब यह होता है कि आप 24 घंटे को 9, 8 और 7 में डिवाइड करें, जिसमें से 9 घंटा आप अपने काम को दें या बच्चे 9 घंटे अपनी पढ़ाई को दें. इसके अलावा 8 घंटे पर्सनल लाइफ, फैमिली लाइफ, खेल कूद या फ्रेंड्स के साथ बिताएं. वहीं, 7 घंटे आप सोने के लिए फिक्स करें. इस तरह से आप 24 घंटे को जब तीन पार्ट्स में डिवाइड करते हैं, तो आप एक बैलेंस लाइफ बनाते हैं जो आपकी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाती है.
9-8-7 ट्रिक कैसे करती है बच्चों की मदद
9-8-7 स्टडी मेथड बच्चों की पढ़ाई में बहुत मदद करती है, क्योंकि इससे उनकी बॉडी को प्रॉपर रेस्ट मिलता है, उन्हें खेलकूद का समय मिलता है और जब वह यह दो चीजें ठीक तरीके से करते हैं तो 9 घंटे वह पढ़ाई पर भी अच्छी तरह से ध्यान दे पाते हैं. बच्चों की पढ़ाई के लिए आप इन 9 घंटे को दो या तीन पार्ट्स में ब्रेक कर सकते हैं. जिसमें बच्चा पहले 3 घंटे पढ़ाई करें, फिर एक-दो घंटे पढ़ाई करें, फिर 3 घंटे और पढ़ाई करें. इस तरीके से बच्चा पढ़ाई में कंसंट्रेट कर पाता है और पढ़ाई से बोर भी नहीं होता है. यह तकनीक न सिर्फ बच्चों को बल्कि, बड़ों को भी अपने काम में अप्लाई करनी चाहिए.