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What Are Intrusive Thoughts And Effects On Mental Health | How Do I Stop My Brain From Racing?


Mental Health: रुकता ही नहीं दिमाग, Intrusive Thoughts से रहते हैं परेशान, जानिए ये मानसिक बेचैनी और अशांति क्यों है

कभी कभी कोई विचार या इमेज मन में अटक जाती है. हम इसे अपने मन से झटक देना चाहते हैं लेकिन न चाहते हुए भी वह बार बार वापस आ जाते है. इस तरह के विचारों को इंट्रुसिव थॉट्स यानी दखल देने वाले विचार (Intrusive Thoughts) कहा जाता है. ऐसे विचार लगभग हर किसी को समय-समय पर आते रहते हैं. इनमें बेतरतीब छवियों से लेकर परेशान करने वाले और हिंसक विचार जैसे किसी के चेहरे पर मुक्का मारना या खुद को चोट पहुंचाने जैसे विचार शामिल हो सकते हैं. काफी हद तक इनसे कोई हानि नहीं होती है लेकिन हद से ज्यादा बढ़ने पर इनका आपकी रोजमर्रा के जीवन पर असर पड़ सकता है.

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ये मेंटल हेल्थ (Mental Health) से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है. यह एंग्जायटी, डिप्रेशन या ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर ( OCD) के लक्षण हो सकते हैं. आइए जानते हैं इंट्रुसिव थॉट्स यानी दखल देने वाले विचार के प्रकार और इसे जुड़ी मेंटल हेल्थ की समस्याएं.

दखल देने वाले विचारों के प्रकार (Types of Intrusive Thoughts)

सेक्सुअल विचार : कभी कभी सेक्सुअल विचार आना सामान्य है. लेकिन आप ऐसे विचारों से असहज महसूस करते हैं या चौंक जाते हैं, तो आप उन पर ध्यान देने की जरूरत होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अपने आप को यह याद दिलाना सबसे अच्छा है कि ये केवल विचार हैं.

हिंसक विचार : कभी कभी खुद को या किसी अन्य को चोट पहुंचाने जैसे हिंसक विचार मन में आते हैं. ये केवल विचार होते हैं और गुजर जाते हैं. लेकिन अगर आप अपने आप को अपने आक्रामक विचारों पर अमल करने की योजना बनाते हुए पाते हैं, तो आपको अपनी भावनाओं को मैनेज करने के लिए पेशेवर मदद की जरूरत है.

नकारात्मक विचार : कभी-कभी जब चीजें योजना के अनुसार काम नहीं करती हैं, तो आप खुद को हारा हुआ महसूस कर सकते हैं. स्थिति बदलने पर ये विचार ख़त्म हो जाने चाहिए. लेकिन अगर ऐसे विचार मन में घर करने लगे तो डिप्रेशन का कारण बन सकते है.

संभावित मानसिक परेशानियां (Possible Mental Health Disorders to Watch For)

कभी-कभी ये अनचाहे विचार हद से ज्यादा होकर OCD का रूप लेने लगते हैं. इस प्रकार के चिंता विकार के साथ, आपके मन में बार-बार अनचाहे विचार आते हैं जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर पाते हैं. आपको कुछ कार्यों को बार-बार दोहराने की इच्छा भी हो सकती है. इसमें यह समझना कि कोई आप पर नजर रख रहा है. कोई आपको चोट पहुंचाना चाहता है. सिज़ोफ्रेनिया या बाइपोलर डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है. ऐसे समय में डॉक्टर से सलाह लेने की जरुरत होती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)



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