West Bengal Panchayat Elections 2023 Many People Killed In Violence During Voting, BJP Congress And TMC Accuses Each Other, 10 Highlights | बंगाल पंचायत चुनाव में 14 लोगों की हुई मौत, हिंसा पर ममता सरकार और विपक्ष में जुबानी जंग
WB Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल में शनिवार (8 जुलाई) को पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हुई. इस दौरान राज्य के कई जिलों में हिंसक घटनाएं सामने आई. जिसे लेकर राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने चुनावी हिंसा को लेकर टीएमसी (TMC) पर जोरदार हमला बोला है. जबकि ममता सरकार ने विपक्षी दलों पर हिंसा का आरोप लगाया है.
1. पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में एक दिन में 14 लोग मारे गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि इनमें सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के आठ सदस्य, भारतीय जनता पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट के एक-एक कार्यकर्ता और अन्य लोग शामिल हैं.
2. बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद ने कहा कि आज मैंने जो देखा वह बहुत परेशान करने वाला है. हिंसाए और हत्याएं हो रही हैं. गरीबों की हत्या हो रही है. हमें गरीबी को खत्म करना होगा और गरीबों की हत्या करने से नहीं होगा. ये कुछ ऐसा है जो बहुत परेशान करने वाला है. ये वह नहीं है जो बंगाल चाहता है. राज्यपाल ने उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों का दौरा कर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें भी सुनीं.
3. राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ था. मतदान के दौरान मतपेटियों की चोरी और उन्हें जलाए जाने, और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ जनता के गुस्से के दृश्य भी देखे गए. मुर्शिदाबाद, नदिया और कूच बिहार जिले के अलावा दक्षिण 24 परगना के भांगर और पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम में ज्यादा हिंसा हुई है. मुर्शिदाबाद में उपद्रवियों ने पुलिस वाहन में आग लगाई.
4. गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा की घटनाओं को लेकर बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार से भी बात की. उन्होंने हिंसा और कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी हिंसा पर पश्चिम बंगाल के नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी और बीजेपी के पश्चिम बंगाल के प्रभारी मंगल पांडे से बात की. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगी और हम इस लड़ाई को लोकतांत्रिक तरीके से निर्णायक स्तर तक ले जाएंगे. सुकान्त मजूमदार ने हिंसा पर कार्रवाई को लेकर गृह मंत्री को लेटर भी लिखा.
5. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि आज लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है. हमारी मांग है कि जहां भी सीसीटीवी नहीं है और जहां भी चुनाव में धांधली हुई वहां फिर से मतदान कराया जाए. राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ 302 के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए. बंगाल में इतना गोला बारूद आया, ज्यादातर मृत्यु गोली से हुई हैं. ये सब किसने भेजा? इसकी फंडिंग किसने की? ये देश विरोधी ताकतें हैं इसलिए इसकी जांच एनआईए को करनी चाहिए.
6. पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने सुपरवाइजर और रिटर्निंग अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद शिकायतों पर गौर करने और हिंसा वाली जगहों पर फिर से मतदान पर निर्णय लेने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान हिंसा की घटनाओं की सबसे अधिक शिकायतें चार जिलों से आईं और चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा करते समय इन सभी जिलों को ध्यान में रखा जाएगा. पुनर्मतदान पर फैसला रविवार (9 जुलाई) को लिया जाएगा जब सुपरवाइजर और रिटर्निंग अधिकारी मतदान प्रक्रिया की जांच और समीक्षा करेंगे.
7. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कटाक्ष करते हुए हिंसक पंचायत चुनावों में जीत के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और राज्य की सीएम ममता बनर्जी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि बधाई हो दीदी, आप (पंचायत चुनाव) जीत गई हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ममता बनर्जी का चोटिल पैर 11 जुलाई को मतगणना के दिन ठीक हो जाएगा और वह अपने घर से बाहर आएंगी और चुनाव में विजयी बनाने के लिए लोगों को धन्यवाद देंगी.
8. विपक्ष के आरोपों पर ममता सरकार ने भी पलटवार किया. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि विपक्षी दलों की ओर से राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मीडिया के एक वर्ग की मदद से एक कहानी गढ़ी जा रही है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव हमेशा हिंसक होते हैं. हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन अगर आप पिछले चुनावों से तुलना करें, आप देखेंगे कि हिंसा और मौतों की घटनाओं में भारी कमी आई है.
9. टीएमसी ने एक बयान में कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस वास्तव में हिंसा भड़काती है, तो उनके कार्यकर्ताओं को निशाना क्यों बनाया जाता और उनकी हत्या क्यों की जाती है? पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण परिस्थितियों में संपन्न हुए. राज्य भर के 60,000 से ज्यादा बूथों में बहुत कम प्रतिशत में हिंसा की घटनाएं दर्ज की गईं. वह भी बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआई ने करवाई है, ताकि बंगाल में हमारी छवि खराब की जा सके. इन बूथों पर केंद्रीय बलों की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है. अधिकांश बूथों पर भारी मतदान हुआ और लोगों ने लोकतंत्र की सच्ची भावना का प्रदर्शन करते हुए उत्साहपूर्वक भाग लिया.
10. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग पर पंचायत चुनाव कराने के नाम पर स्वांग रचने का आरोप लगाया. माकपा ने टीएमसी को मतदान के दौरान हुई 12 मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया. माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने मतदान के दौरान लूट का आरोप भी लगाया. चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने के नाम पर स्वांग रचा है. उन्होंने दावा किया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं के इशारे पर हिंसा हुई.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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