West Bengal Governor C V Ananda Bose TMC Leaders Abhishek Banerjee Gives Ultimatum To Central Govt | राज्यपाल से मिला TMC प्रतिनिधिमंडल, अभिषेक बनर्जी ने खत्म किया धरना, बोले
TMC Protest In West Bengal: तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल सोमवार (9 अक्टूबर) को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस से मिला. इस दौरान राज्यपाल ने उन्हें मनरेगा बकाए का मुद्दा केंद्र के सामने उठाने का आश्वासन दिया. राज्यपाल आनंद बोस के साथ हुई मुलाकात के बाद तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध वापस लेने की घोषणा की है.
उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 24 घंटे में हमारे सवालों का जवाब देने का वादा किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की सलाह के अनुसार हम पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा और अन्य सोशल सिक्योरिटी स्कीम के लिए फंड आवंटन पर केंद्र सरकार के खिलाफ जारी विरोध को वापस ले रहे हैं.”
अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मैं केंद्र सरकार को 31 अक्टूबर का अल्टीमेटम दे रहा हूं. अगर इस दौरान समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मैं 1 नवंबर से दोबारा धरना शुरू करूंगा.”
टीएमसी प्रतिनिधि दल से मुलाकात पर क्या बोले राज्यपाल?
टीएमसी नेताओं से मुलाकात पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, “टीएमसी के तीन प्रतिनिधि उनसे मिलने आए. उन्होंने मुझसे मिलने की गुजारिश की थी. मैंने उनका स्वागत किया. उन्होंने मुझे अपनी शिकायतें दीं. वे चाहते थे कि मैं इन शिकायतों को केंद्र सरकार तक ले जाऊं. मैंने उनसे वादा किया कि मैं निश्चित रूप से इसे संबंधित अधिकारियों के पास ले जाऊंगा. राज्यपाल के रूप में यह मेरा कर्तव्य है.”
इससे पहले राज्यपाल ने टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को सोमवार (9 अक्टूबर) को मुलाकात करने का समय दिया था.
टीएमसी ने बताया पश्चिम बंगाल की जीत
पार्टी ने राज्यपाल के सीवी आनंद बोस के फैसले को पश्चिम बंगाल की जीत करार दिया था. अपने आधिकारिक बयान में टीएमसी ने कहा, “कोलकाता की सड़क पर हमारे जन आंदोलन कs चौथे दिन राज्यपाल को आखिर झुकना पड़ा. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रयान ने केंद्र से मनरेगा निधि के लंबित बकाया जारी करने के संबंध में हमारे प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की मांग करते हुए राज्यपाल को कई पत्र सौंपे.”
पार्टी ने आगे कहा, “बंगाल से लेकर दिल्ली तक कड़ी मशक्कत के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस आखिरकार 9 अक्टूबर को शाम 4 बजे अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए सहमत हो गए. कोई भी ताकत बंगाल के अधिकारों के लिए लड़ने के हमारे जज्बे को खत्म नहीं कर सकती.”
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