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West Bengal: ममता सरकार ने 12 सालों में 8 गुना बढ़ाया अल्पसंख्यका का फंड, सीएम बोलीं हमने अपना बेस्ट किया



<p style="text-align: justify;"><strong>West Bengal:</strong> पश्चिम बंगाल की विधानसभा में सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार (31 जुलाई) को राज्य की विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया. इस दौरान सीएम ममता ने सदन को बताया कि उनकी सरकार ने 2011 से लेकर अब तक बीते 12 सालों में राज्य के अल्पसंख्यकों के बजट में आठ गुना वृद्धी की गई है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के लिए उन्होंने 4,233 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. उन्होंने कहा 2011 में यह पैसा 472 करोड़ रुपये हुए करता था. सीएम ने कहा, हमने अकेले अल्पसंख्यक क्षेत्रों के विकास के लिए 855 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, कई लोग कई बातें कह रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि हम अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>खरेजी मदरसों का होगा सर्वे, मिलेगी वित्तीय सहायता</strong><br />पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने फैसला किया है कि वह खरेजी मदरसों को बुनियादी सुविधाएं देने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि शैक्षिक बुनियादी ढांचे में सुधार और छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए बंगाल में खरेजी मदरसों का सर्वेक्षण करने के लिए एक राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाएगा.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">सीएम ने कहा ये खरेजी मदरसे जोकि खुद को स्वतंत्र इस्लामी शैक्षणिक संस्थान मानते हैं और यह राज्य के पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीएमई) से संबद्ध नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह इन मदरसों को रेग्यूलेट करने का काम करेगी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि इन मदरसों को सरकार से कोई सहायता नहीं मिलती है जबकि इनके पास खुद का सिलेबस, पढ़ाने की अपनी तकनीकि और खुद की डिग्री होती है. ये समुदाय इस्लामी शिक्षा देने, और अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">सीएम ममता ने कहा कि इन मदरसों में 5 लाख से भी अधिक छात्र पढ़ाई करते हैं और इनके पास बुनियादी सुविधाओं की कमी है. लिहाजा वह इनको कंप्यूटरीकृत शिक्षा के साथ-साथ बाकी सुविधाएं देने का काम करना चाहती है इसलिए ही वह एक कमेटी का गठन करेगी.&nbsp;</p>
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