weather update 143 death from heatstroke in 3 months 41,000 case reported in india
Heatwave Death In India: देश के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में लेने वाली लू जानलेवा साबित हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार लू के कारण एक मार्च से 20 जून के बीच 143 लोगों की मौत हुई और करीब 41789 लोग संदिग्ध हीट स्ट्रोक से पीड़ित हुए हैं. लू से मौतों का आंकड़ा इससे अधिक होने की संभावना है, क्योंकि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की ओर से राष्ट्रीय गर्मी संबंधी बीमारी एवं मृत्यु निगरानी के तहत संकलित किए गए आंकड़ों में राज्यों की ओर से प्रदान की अद्यतन जानकारी शामिल नहीं है.
हीट स्ट्रोक से एक दिन में 14 लोगों की मौत
कई मेडिकल सेंटरों ने अब तक लू से जान गंवाने लोगों की संख्या को अपलोड नहीं किया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 20 जून को ही हीट स्ट्रोक के कारण 14 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है. वहीं संदिग्ध हीट स्ट्रोक के कारण नौ लोगों की जानें गई, जिससे मार्च से जून की अवधि में लू से मरने वालों की संख्या 114 से बढ़कर 143 हो गई है.
किस राज्य में कितनी मौतें हुई
आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 35 मौतें हुई हैं, इसके बाद दिल्ली (21) और बिहार-राजस्थान (17-17) का स्थान है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार (20 जून) को अधिकारियों से कहा कि वे भीषण गर्मी की स्थिति जारी रहने तक केंद्र के तहत आने वाले अस्पतालों का दौरा करें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रभावित मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है या नहीं. साथ ही पिछले कुछ दिनों में लू के कारण हुई मौतों की संख्या का भी आकलन किया जा सके.
उत्तर और पूर्वी भारत के बड़े हिस्से लंबे समय से लू की चपेट में हैं, जिससे हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों में वृद्धि हो रही है. इसके मद्देनजर केंद्र को अस्पतालों को भीषण गर्मी से बीमार पड़े लोगों के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने का परामर्श जारी करना पड़ा है. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार को निर्देश दिए थे कि केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में विशेष लू इकाई शुरू की जाए.
अस्पतालों में बढ़ाई गई व्यवस्था
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि अस्पताल गर्मी से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम इलाज प्रदान करें. उन्होंने हीट स्ट्रोक से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के तहत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लू मौसम 2024 पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के लिए एक परामर्श जारी किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अत्यधिक गर्मी के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभागों को तैयारी और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए.’
परामर्श में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के अंतर्गत राज्य नोडल अधिकारियों से कहा गया है कि वे एक मार्च से हीट स्ट्रोक के मामलों और मौतों और कुल मौतों के आंकड़ों को प्रतिदिन जारी करना शुरू करें. साथ ही गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी के तहत उनकी जानकारी भी उपलब्ध कराएं.
इसमें रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य केंद्र तैयार करने लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैक, आवश्यक दवाएं, आईवी तरल पदार्थ, बर्फ (आइस पैक) और उपकरणों की खरीद और आपूर्ति के निर्देश भी दिए गए हैं.
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