Watch Bhasma Aarti At Shree Mahakaleshwar Temple In Ujjain On The Last Monday Of Sawan – WATCH: श्रावण मास के आखिरी सोमवार पर उज्जैन के महाकलेश्वर मंदिर में हुई भस्म आरती
‘भस्म आरती’ (राख से अर्पण) यहां का एक प्रसिद्ध अनुष्ठान है. यह ‘ब्रह्म मुहूर्त’ के दौरान सुबह 3:00 से 5:30 बजे के बीच की जाती है.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह भी आखिरी श्रावण सोमवार को भस्म आरती में शामिल हुए.
सिंह ने ANI को बताया, “आज श्रावण के आखिरी सोमवार पर हमें बाबा महाकाल के दर्शन और विशेष रूप से भस्म आरती में शामिल होने का मौका मिला. हमने भगवान महाकाल से प्रार्थना की कि उनकी असीम कृपा सभी पर बनी रहे.”
#WATCH | Delhi: Devotees offer prayers at Gauri-Shankar temple in Chandni Chowk, on the last Monday of ‘Sawan’ month. pic.twitter.com/OiuAfeaUXE
— ANI (@ANI) August 28, 2023
‘सावन’ जिसे ‘श्रावण’ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू चंद्र कैलेंडर का पांचवां महीना है और इसे सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए इस अवधि के दौरान हर सोमवार व्रत रखना अत्यधिक शुभ समय माना जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से तुरंत मुक्ति मिल जाती है. इस वर्ष श्रावण मास 59 दिनों का है, जो 4 जुलाई से प्रारंभ हुआ था और 31 अगस्त तक रहेगा.
#WATCH | Madhya Pradesh: ‘Bhasma Aarti’ performed at Shree Mahakaleshwar Temple in Ujjain, on the last Monday of ‘Sawan’ month. pic.twitter.com/1RqDURMTsh
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 28, 2023
मंदिर के पुजारी यश शर्मा के मुताबिक, भस्म आरती से पहले बाबा महाकाल का महाभिषेक जल और पंचामृत से किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और फलों का रस भी था. इसके बाद बाबा महाकाल का भांग, चंदन से श्रृंगार किया गया और फिर प्रतिमा को वस्त्र पहनाए गए. इसके बाद ढोल-नगाड़ों और शंख ध्वनि के बीच भस्म आरती की गई.
इसके अलावा श्रावण-भादो माह में प्रत्येक सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है. इसलिए आज शाम को बाबा महाकाल की सवारी भी निकाली जाएगी. मान्यता है कि जनता का हाल जानने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं. सवारी देखने के लिए भक्त भी सड़क किनारे घंटों इंतजार करते हैं और महाकाल की एक झलक पाकर खुद को धन्य मानते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)