Waqf Board claims on 500 Farm land and 53 Historical sites in Karnataka complaint sent to JPC President Jagdambika Pal
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को गुरुवार (7 नवंबर, 2024) को कर्नाटक के उत्तरी जिलों के उन किसानों से 500 से अधिक अर्जियां प्राप्त हुईं, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है. बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या के कार्यालय ने यह जानकारी दी.
सूर्या जेपीसी के सदस्य भी हैं. सूर्या के साथ पाल ने हुबली, विजयपुरा और बेलगावी का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने किसानों और विभिन्न संगठनों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने शिकायत की थी कि राज्य वक्फ बोर्ड उनकी जमीन पर दावा कर रहा है.
सूर्या के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘जगदंबिका पाल और सूर्या को विजयपुरा, बीदर, कलबुर्गी, हुबली, बागलकोट और बेलगावी के किसानों की 500 से अधिक याचिकाएं प्राप्त हुईं, जिनमें कहा गया था कि उनकी कृषि भूमि पर वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है.’
जगदंबिका पाल ने कहा कि वह तथ्य अन्वेषण और पीड़ितों से मिलने के लिए राज्य में आए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों और विभिन्न संगठनों ने उन्हें दस्तावेज और ज्ञापन सौंपे हैं. जगदंबिका पाल ने कहा कि किसानों और संगठनों को आश्वासन दिया गया है कि उनके मुद्दे पर जेपीसी में चर्चा की जाएगी और रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा.
उन्होंने पूछा, ‘हो सकता है कि राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को किसानों को बेदखल न करने के निर्देश दिए हों, लेकिन क्या इस मुद्दे का समाधान हो जाएगा? रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई है, वक्फ ने दस्तावेज में बदलाव सुनिश्चित किए हैं. राज्य सरकार इस पर क्या कर रही है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पाल की यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जेपीसी अध्यक्ष का दौरा राजनीतिक था. उन्होंने कहा, ‘…मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जारी किए गए नोटिस वापस लिए जाने चाहिए और हम किसी को भी बेदखल नहीं करेंगे, और यदि रिकॉर्ड में संशोधन किया जाता है तो उन्हें निरस्त कर दिया जाएगा. जब मैंने यह कहा है, तो मुद्दा कहां है?’
इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने पाल की राज्य यात्रा को ‘‘ड्रामा कंपनी’’ का दौरा करार दिया और इसे ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ बताया. शिवकुमार ने कहा कि जगदंबिका पाल ने यह दौरा राज्य में होने वाले उपचुनाव और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया है.
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने जेपीसी अध्यक्ष पर राजनीतिक दुष्प्रचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई संयुक्त संसदीय समिति नहीं है जो दौरा कर रही है, क्योंकि केवल भाजपा के सदस्य ही आए हैं और राजनीति कर रहे हैं.
राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, ‘ऐसा नहीं लगता कि जेपीसी समिति के रूप में कोई दौरा हो रहा है, क्योंकि अध्यक्ष नियमों की अनदेखी करते हुए अकेले दौरा कर रहे हैं. यह राजनीति से प्रेरित दौरा प्रतीत होता है.’ उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों ने भी आपत्ति जताई है कि किसी भी दौरे का निर्णय समिति में लिया जाना चाहिए और एकतरफा दौरा नहीं किया जा सकता.
बाद में, विजयपुरा की अपनी यात्रा के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए जगदंबिका पाल ने कहा, ‘जब एक पारदर्शी कानून (वक्फ कानून) लागू होने जा रहा है, तो किसी को हर जिले में अदालतें (वक्फ अदालतें) आयोजित करने और भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने की क्या जल्दी है?’ किसानों और संगठनों द्वारा उन्हें सौंपी गई विभिन्न याचिकाओं पर प्रकाश डालते हुए पाल ने कहा कि राज्य सरकार को जवाब देना होगा कि राज्य में ऐसी चीजें क्यों हो रही हैं.
उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा, ‘वर्ष 1920 और 1930 से भूमि पर खेती कर रहे किसानों को कानून बनने से पहले ही नोटिस क्यों दिए जा रहे हैं?’ इस तथ्य पर गौर करते हुए कि कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने राज्यभर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित कम से कम 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा किया है. जगदंबिका पाल ने कहा, ‘यह वक्फ संपत्ति कैसे है?’ इस बीच, विजयपुरा शहर से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने जगदंबिका पाल के दौरे के बाद अपना विरोध वापस ले लिया. ये दोनों सोमवार से धरने पर थे.
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