Visakhapatnam espionage case Abdul rehman Shaista kaisar was spying for Pakistan ISIS Confessed Crime in NIA Court ANN
Visakhapatnam Spying Case: विशाखापट्टनम के हाई-प्रोफाइल नौसेना जासूसी मामले में एक पति-पत्नी को दोषी करार देते हुए भारत सरकार की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने सोमवार (24 फरवरी, 2025) को सजा सुनाई है. ये मामला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों से जुड़ा हुआ है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने सोमवार को अब्दुल रहमान और उसकी पत्नी शाइस्ता कैसर को 5 साल 6 महीने की कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर UAPA एक्ट के तहत 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अगर वो दोनों जुर्माना नहीं देते है तो उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
जांच में क्या हुआ खुलासा?
NIA ने इस मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की है. अब्दुल रहमान और शाइस्ता कैसर को दिसंबर 2019 और जून 2020 के बीच गिरफ्तार किया गया था. NIA की जांच में खुलासा हुआ कि अब्दुल रहमान और शाइस्ता कैसर विदेशी खुफिया एजेंसियों के लिए काम कर रहे थे और भारत विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल थे. दोनों ने पाकिस्तान में मौजूद अपने रिश्तेदारों के जरिए पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क किया था और 14 अगस्त 2018 से 1 सितंबर 2018 के बीच पाकिस्तान की यात्रा भी की थी.
अदालत में खुद अपना गुनाह कुबूल कर लिया
पाकिस्तानी एजेंटों के कहने पर अब्दुल रहमान और शाइस्ता कैसर ने ऑनलाइन मनी ट्रांसफर प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) के जरिए अन्य आरोपियों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे. इस पैसे का इस्तेमाल भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक करने में किया गया था. जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता था. NIA ने अपनी जांच के बाद अदालत में पुख्ता सबूत पेश किए, जिसके बाद दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया. इसके आधार पर अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई.
इस मामले में अन्य आरोपियों की सुनवाई अभी चल रही है. NIA लगातार इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने में लगा है.
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