Violent Attack by Kuki Militants in Manipur Farmers Shot at Tension Escalates After Woman Murder ANN
Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर से तनाव बढ़ता जा रहा है और हालिया घटनाएं इस तनाव को और बढ़ा रही हैं. कुकी उग्रवादियों की तरफ से किसानों पर धुआंधार गोलीबारी की गई, जिससे इलाके में खौफ और अस्थिरता का माहौल बन गया है. यह घटना इम्फाल पूर्व जिले के थमनपोक्पी गांव की है, जहां किसानों को अचानक हमलावरों ने निशाना बनाया. कई किसान इस गोलीबारी में बाल-बाल बच गए, लेकिन घटना ने स्थानीय समुदायों में चिंता और आक्रोश बढ़ा दिया है.
गुरुवार ( 7 नवंबर 2024) को थमनपोक्पी गांव में एक महिला की मौत की खबर सामने आई. महिला का नाम सापम सोफिया था, वह धान की फसल काटने के लिए खेत में काम कर रही थी, तभी संदिग्ध उग्रवादियों ने करीब 100 मीटर की दूरी से गोलियां चलाईं. गोलीबारी में महिला की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. गोलीबारी के बाद शव वहीं पड़ा रहा, लेकिन गांव के स्वयंसेवकों ने उसे किसी और हमले के डर से बाद में निकाल लिया.
जिरीबाम में भी हिंसा की घटनाएं, पुलिस की जांच जारी
इसी बीच, जिरीबाम जिले में भी एक महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और उसे जिंदा जलाने की कोशिश की गई. पुलिस ने इन दोनों घटनाओं की जांच शुरू कर दी है और माना जा रहा है कि यह हिंसा एक बार फिर से इलाके को अस्थिर करने की एक कोशिश हो सकती है. स्थानीय प्रशासन और पुलिस घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की योजना बना रहे हैं.
मणिपुर हिंसा का अतीत
मणिपुर में हिंसा का इतिहास जातीय और राजनीतिक संघर्षों से जुड़ा हुआ है. राज्य में कुकी, नगा और मैतेई समुदायों के बीच लंबे समय से तनाव रहा है. मणिपुर का मुद्दा स्वतंत्रता, पहचान और स्वशासन के अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है. 1990 के दशक से, मणिपुर में कई उग्रवादी संगठनों का उदय हुआ, जिनका मकसद अपनी-अपनी जातीय पहचान की रक्षा करना और राज्य से अलगाव की मांग करना था. इसके नतीजे के तौर पर, यहां अक्सर हिंसा, गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई होती रही है, जिससे राज्य के सामाजिक और राजनीतिक माहौल में अस्थिरता बनी रही है.
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