Villagers Seek Bridges Near International Border In Jammu To Move Safer During Pakistani Shelling
Jammu Kashmir: पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी के खौफ के साये में जी रहे जम्मू जिले के अरनिया सेक्टर के सीमावर्ती त्रावा गांव के लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक पुल के निर्माण की मांग को दोहराया है. ग्रामीण लंबे समय से इस पुल की मांग कर रहे हैं.
फिलहाल ग्रामीण नाला पार करने के लिए सीमेंट के सीवेज पाइप के अस्थायी ढांचे का इस्तेमाल कर रहे हैं. वह एक स्थायी पुल का निर्माण चाहते हैं, जिससे सीमा पार से गोलाबारी होने की स्थिति में सुरक्षित निकल सकें.
पाकिस्तानी रेंजर्स की गोलीबारी में एक जवान शहीद
पाकिस्तानी रेंजर्स के 8-9 नवंबर की दरम्यानी रात रामगढ़ सेक्टर के सांबा जिले में की गई गोलीबारी में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया था. भारत-पाकिस्तान के बीच 25 फरवरी 2021 को संघर्षविराम की सहमति के बाद से यह पहला मौका था, जब भारतीय सुरक्षाकर्मी की जान गई.
पुल की मांग कर रहे हैं लोग
इससे पहले, 26 अक्टूबर को अरनिया सेक्टर में सीमा पार से गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान और एक महिला घायल हो गई थी. त्रावा की सरपंच बलबीर कौर ने कहा,” सीमा के पास रह रहे लोग लंबे समय से 20 से अधिक गांवों को जोड़ने वाले पुल की मांग कर रहे हैं. मैंने वर्ष 2019 में प्रशासन के सामने यह मुद्दा उठाया था, लेकिन हमारी मांग को अनसुना कर दिया गया.”
सुरक्षित बाहर निकलने के लिए इस्तेमाल होगा पुल
उन्होंने कहा कि पुल पाकिस्तानी गोलाबारी क्षेत्र से दूर एक अन्य क्षेत्र में प्रस्तावित किया जा रहा है. कौर ने कहा, “पाकिस्तान की तरफ से होने गोलाबारी के वक्त लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के लिए पुल का उपयोग कर सकते हैं.”
ग्रामीणों ने आधिकारी से बात की
सरपंच ने कहा कि 26 अक्टूबर को पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी के बाद ग्रामीणों ने मंडलीय आयुक्त रमेश कुमार के नेतृत्व में दौरे पर आए आधिकारिक दल से मुलाकात की और प्राथमिकता के आधार पर पुल के निर्माण की मांग उठाई.
कौर ने कहा, “मैंने सुना है कि ग्रामीण विकास विभाग को पुल के निर्माण का काम सौंपा गया है और आने वाले दिनों में काम शुरू होने की संभावना है.”
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