Village destroyed in 1989 riots becomes Bihar first smart village Babarchak Banka ann
Bihar First Smart Village: बिहार के बांका जिले के रजौन प्रखंड के नवादा बाजार सहायक थाना अंतर्गत नवादा-खरौनी पंचायत के बाबरचक गांव में 11 एकड़ सरकारी भूमि पर सूबे का पहला स्मार्ट विलेज बनकर तैयार हो गया है. जिसका आज रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करेंगे. बता दें कि 1989 के दंगे के समय में तत्कालीन आराजी बाबरचक गांव पूरी तरह से उजड़ गया था, अब यहां स्मार्ट गांव बनने को लेकर गांव सहित इलाके के लोगों में काफी हर्षोल्लास व उत्साह का वातावरण देखा जा रहा है.
‘गांव में आने के लिए नहीं थी सड़क’
बताया जा रहा है कि जहां इस स्मार्ट विलेज का निर्माण हुआ है, वहां करीब तीन दशक पूर्व तक घनी आबादी बसती थी. पूर्वी बिहार को कलंकित करने वाले 1989 के दंगों ने पूर्व के आराजी बाबरचक गांव को पूरी तरह से उजाड़ दिया था. यहां के लोग अपनी जन्मभूमि को छोड़ कर धोरैया प्रखंड के बलियास, भागलपुर के अगरपुर-पीथना सहित अन्य गांवों में जाकर बस गए थे. उजड़े हुए स्थान पर स्मार्ट विलेज बनने से बाबरचक सहित आसपास के ग्रामीण काफी उत्साहित दिख रहे हैं.
रजौन के पूर्व प्रमुख सह रजौन मध्य जिला परिषद सदस्य सुमन पासवान ने कहा कि आज से डेढ़ दशक पूर्व तक इस गांव में आने के लिए सड़क नहीं थी, गांव से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित नवादा बाजार में वाहनों को रखकर अपने गांव पैदल आते थे. अब यहां बिहार का पहला स्मार्ट विलेज बना है, यह उनके पंचायत के लिए गौरव की बात है.
वहीं नवादा-खरौनी पंचायत की मुखिया आरती देवी ने बताया कि स्मार्ट विलेज में जो अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई हैं, उसका लाभ आसपास के लोगों को भी मिलेगा, इससे दशकों तक उपेक्षित इस सुदूर देहाती क्षेत्र में विकास को नया आयाम मिलेगा.
स्मार्ट विलेज के लाभुकों को मिलेंगी ये सुविधाएं
स्मार्ट विलेज बांका जिला प्रशासन के नवाचार का अद्भुत उदाहरण है. देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय अब्दुल कलाम के ग्रामीण विकास के संदर्भ में पूरा (PURA) की संकल्पना को जिला प्रशासन ने इस उन्नति ग्राम में साकार किया है. इसके अंतर्गत विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए वैसे 164 भूमिहीन गरीब परिवारों को 3 डिसमिल जमीन देकर कुल 10 एकड़ 30 डिसमिल जमीन, जिसमें बाबरचक मौजे के 7 एकड़ 13 डिसमिल जमीन एवं भीमकारचक मौजे के 3 एकड़ 17 डिसमिल जमीन में उच्चतम कोटि के बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित अवसंरचना को स्थापित करते हुए बसाया गया है, जो रजौन प्रखंड के अलग-अलग हिस्सों में सड़क के किनारे झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे थे. यह उन्नति ग्राम टाउनशिप के तर्ज पर बसाया गया है.
स्मार्ट विलेज में 164 परिवारों का मकान बनना है. जिसमें अभी 65 लोगों का ही मकान बना है. प्रथम चरण में 65 लोगों को मकान दिया जाएगा. प्रत्येक घर तक पक्की सड़क और नाली, सभी घरों में नल का जल से पेयजल आपूर्ति, हर घर बिजली का स्मार्ट मीटर के साथ घरों में विद्युत कनेक्शन, एकीकृत 10 किलोवाट सोलर पैनल से सभी गलियों को सोलर लाइट से प्रकाशित करना तथा मुख्य सड़क से गांव तक पक्की सड़क का निर्माण कराया गया है.
आदर्श मॉडल के रूप में होगा स्थापित
इसके अतिरिक्त यहां के लोगों के लिए आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक विद्यालय, आदर्श सामुदायिक भवन, सामुदायिक शौचालय, मंदिर, सीढ़ीनुमा तालाब, ग्रामीण हाट के अलावे खेल का मैदान, जिसमें फुटबॉल ग्राउंड, रनिंग ट्रैक, बास्केटबॉल और बैडमिंटन कोर्ट आदि का निर्माण कराया गया है. इसके अलावा सभी ग्रामीण परिवारों को जीविका समूह से जोड़कर सतत जीविकोपार्जन, पशुपालन, मत्स्यपालन, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम से जोड़ते हुए इस ग्राम को एक ग्रामीण विकास का आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया जा रहा है.
स्मार्ट विलेज की मुख्य विशेषता
• 20 डिसमिल जमीन पर कैंपस के अंदर मॉडल स्कूल का निर्माण हुआ है, जहां पहली से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई होगी.
• 30 डिसमिल जमीन पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना है, मामूली इलाज के लिए यहां के लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा.
• 2.1 किमी तक कैंपस के अंदर बीचोंबीच सड़क का निर्माण हुआ है. जिससे धोरैया और रजौन दोनों प्रखंडों के लोग जुड़ेंगे.
• हर घर में सोख्ता पीट के निर्माण के अलावे ड्रेनेज सिस्टम से जोड़े गए हैं.
• गली-गली में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई है.
• पीएचईडी विभाग द्वारा 2 जल मीनारों के निर्माण के अलावा मिनी जलापूर्ति योजना से लाभुकों के घरों को जोड़ा गया है.
• एक सामुदायिक भवन, मछली पालन सहित छठ घाट के लिए एक तालाब और छोटे नौनिहालों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण हुआ है.
• 3 डिसमिल जमीन हर आवास विहीन और भूमिहीन परिवारों को उपलब्ध कराई गई है.
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