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Vijender Gupta write a letter Chief Secretary officials ignore MLAs and MPs letters ANN


Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव, जीएनसीटीडी (GNCTD) को पत्र लिखकर यह मामला उठाया है कि विधानसभा सदस्यों (MLAs) और सांसदों (MPs) के पत्र, फोन कॉल और संदेशों को अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. इस मुद्दे को मुख्य सचिव ने गंभीरता से लिया है और तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी विभागों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि विधायकों और सांसदों से संबंधित मामलों को प्राथमिकता दी जाए और उनके पत्रों और अनुरोधों का समय पर उचित जवाब दिया जाए.

अधिकारियों के लिए सख्त निर्देश, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

मुख्य सचिव ने सभी विभागों और अधिकारियों को याद दिलाया कि विधायकों और सांसदों से संवाद स्थापित करने और उनके अनुरोधों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य है. इस संबंध में GNCTD के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) और भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को दोबारा भेजा गया है, ताकि अधिकारी उन्हें पढ़कर सही ढंग से लागू करें. सरकार ने साफ कहा है कि यदि कोई अधिकारी इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (disciplinary action) की जाएगी. यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी विधायक या सांसद को दोबारा ऐसी शिकायत करने की नौबत न आए.

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विधायकों और सांसदों के पत्रों और कॉल्स को नजरअंदाज करने वाले अधिकारियों को सख्त परिणाम भुगतने होंगे. मुख्य सचिव ने कहा, “विधायकों और सांसदों को जनता ने चुना है, और उनके अनुरोधों को गंभीरता से लेना प्रशासन की जिम्मेदारी है. कोई भी अधिकारी अगर इस मामले में लापरवाही करेगा, तो यह उसकी वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) में नकारात्मक रूप से दर्ज किया जाएगा.” सरकार ने कहा है कि अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि जनप्रतिनिधियों की बात सुनी जाए, उनके अनुरोधों को तवज्जो दी जाए और समयबद्ध तरीके से हल किया जाए.

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अब से हर विभाग में विधायकों और सांसदों से संवाद के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, ताकि उनकी शिकायतों और अनुरोधों को प्राथमिकता दी जा सके. सरकार ने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि वे इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

मुख्य सचिव ने कहा, “जनप्रतिनिधियों का सम्मान बनाए रखना और उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान निकालना हमारी प्राथमिकता है. अधिकारी यह न समझें कि वे विधायकों और सांसदों को अनदेखा कर सकते हैं. अब इस मामले में कोई ढील नहीं दी जाएगी.” दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को दो टूक संदेश दे दिया है – विधायकों और सांसदों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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