Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapse 5 Laborers Of Bihar Will Also Come Out ANN
मुजफ्फरपुर: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा में 12 नवंबर को हुए टनल हादसे में 41 मजदूर फंसे हैं. लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है और कभी भी अच्छी खबर आ सकती है. टनल में बिहार के रहने वाले 5 मजदूर भी शामिल हैं. इन मजदूरों की सूची राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की है. इन्हीं नामों से एक नाम दीपक कुमार का है जो बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. जब से दीपक के परिजनों को इसके बारे में पता चला है उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. दीपक के परिजनों ने उसके सकुशल वापसी के लिए सरकार से गुहार लगाई है. भगवान से दुआ भी हो रही है.
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में कितना वक्त और?
बुधवार (22 नवंबर) की देर रात जो जानकारी सामने आई उसके अनुसार इस ऑपरेशन को पूरा होने में अभी करीब 5 से 6 घंटे तक का वक्त और लग सकता है. यह तब हो सकेगा जब काम लगातार चलता रहे और आगे कोई अड़चन ना आए. बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के बाद 41 मजदूरों में बिहार के भी 5 मजदूर बाहर आ जाएंगे. मजदूरों के घर उनके परिजन हादसे के बाद से परेशान हैं.
बिहार में कहां-कहां के फंसे 5 मजदूर?
टनल में फंसे 41 मजदूरों की लिस्ट में बिहार के जो पांच मजदूर हैं वो सभी अलग-अलग जगह के हैं. दीपक मुजफ्फरपुर, सबाह अहमद भोजपुर और वीरेंद्र किस्कू बांका जिले के रहने वाले हैं. दो मजदूर सुशील कुमार और सोनू शाह भी बिहार के ही रहने वाले हैं. हालांकि इनके जिले का नाम नहीं पता चला है.
दीपक की मां बोली- ‘आधी जान जा चुकी है‘
दीपक की मां ऊषा देवी ने रोते हुए कहा कि ‘आज उसे फंसे हुए 12-13 दिन हो चुके हैं. सब लोग कह रहे हैं कि आज निकल जाएंगे, कल निकल जाएंगे. इतना टाइम ये लोग ले रहे हैं. यहां हमारी आधी जान जा चुकी है. सरकार से हम लोग मांग करते हैं कि आप लोग जल्द से जल्द मेरे बच्चे को बाहर कर दीजिए.
उषा देवी ने बताया, ‘हमको लगा कि टावर की गड़बड़ी से फोन नहीं मिल रहा है. उसके दूसरे दिन फिर बेटे को फोन किया. फिर से उसका फोन बंद आ रहा था. हम लोग यहां इस बात से परेशान थे कि उसका फोन क्यों बंद आ रहा है. इसी बीच उसके साथ काम करने वाले एक लड़के ने फोन किया. उसने पूछा कि आप दीपक की मम्मी बोल रही हैं? हां कहने पर उसने बताया कि दीपक ठीक है. इतने में मुझे डर लग गया कि मेरे दीपक को कुछ हो गया क्या? इसके बाद उसने बताया दीपक के साथ हादसा हो गया है.’ उन्होंने बताया कंपनी में वो काम के लिए असम गया हुआ था. इसी बीच अचानक पता चला कि वो उत्तराखंड चला गया.
बेटे की सलामती के लिए मां हर वक्त मांग रही दुआ
वहीं दीपक के पिता ने कहा, ‘जब से इस बात की जानकारी मिली है तब से घर में सभी लोग रो रहे हैं. घर में लोगों का खाना-पीना बंद है. अब तो हमारे लिए सरकार ही एक मात्र सहारा है, जिनके भरोसे हम लोग अपने बच्चे की सकुशल वापसी की आस लगाए बैठे हैं. दीपक की मां अपने बेटे की सलामती की हर वक्त ऊपर वाले से दुआ मांग रही है.’
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