Uttarakhand Tunnel Collapse What Is Daksh DRDO ROV Employed Rescue Operation
Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड में हुए सुरंग हादसे को एक हफ्ते से ज्यादा का समय हो चुका है. राज्य के उत्तरकाशी जिले में सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जिले का सिलक्यारा वो जगह है, जहां सुरंग निर्माण का काम चल रहा था और इसका कुछ हिस्सा ढहने की वजह से उसके भीतर 41 मजदूर जाकर फंस गए. बचावकर्मियों की पूरी एक टीम इन्हें बाहर निकालने में जुटी हुई है.
वहीं, डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की रोबोटिक्स टीम ने ‘रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल’ (ROV) तैनात किया गया है. इस आरओवी का नाम ‘दक्ष’ है. अब इस आरओवी के जरिए सुरंग में फंसे हुए लोगों की मदद की जाएगी. ये आरओवी विशेष रूप से मोटराइज्ड पैन-टिल्ट प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो जोखिम भरे इलाके तक पहुंचने में मदद कर सकता है. आइए इस रोबोटिक वाहन के बारे में और जानते हैं.
आरओवी दक्ष क्या है?
(रोबोटिक व्हीकल दक्ष)
डीआरडीओ के मुताबिक, दक्ष को दूर से बैठकर ही कंट्रोल किया जाता है, इसलिए इसे रिमोट ऑपरेटेड व्हीकल (आरओवी) के तौर पर जाना जाता है. ये एक ऐसा व्हीकल है, जिसका इस्तेमाल इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का पता लगाने और उन्हें मैनेज करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा न्यूक्लियर या फिर केमिकल हादसे वाली जगह पर सर्वे के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है. कई बार खतरनाक वस्तुओं को भी इसके जरिए ही हैंडल किया जाता है.
दक्ष के पास सीढ़ियों पर चढ़ने की काबिलियत है और ये लगातार तीन घंटे तक काम कर सकता है. 100 से 500 मीटर के दायरे में इसे आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है. दक्ष का इस्तेमाल सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की बम निरोधक इकाइयां (बीडीयू) आईईडी और अन्य खतरनाक पदार्थों से निपटने में करती हैं. आरओवी दक्ष में एक मोटराइज्ड पैन-टिल्ट प्लेटफॉर्म है और इसे 500 मीटर की रेंज के भीतर दूर से कंट्रोल किया जा सकता है.
रोबोटिक व्हीकल में एक आर्म भी लगी हुई है, जो 20 किलोग्राम की खतरनाक चीज को 2.5 मीटर और 9 किलोग्राम की वस्तु को 4 मीटर की दूरी से उठा सकती है. दक्ष के पास सीढ़ी चढ़ने और ढलान पर काम करने की काबिलियत भी है. रोबोटिक व्हीकल में लगे पहिए धमाके के प्रभावों को झेलने की काबिलियत भी रखते हैं. फुली चार्ज होने पर ये तीन घंटे तक ऑपरेट करता है. इसमें कई सारे कैमरा, मास्टर कंट्रोल स्टेशन, शॉटगन, आईईडी हैंडलिंग टूल जैसे डिवाइस लगे हुए हैं.
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