Fashion

Uttarakhand Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सीएम धामी का पलटवार, अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव का भी किया जिक्र



<p style="text-align: justify;"><strong>Badrinath Dham News:</strong> समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा बद्रीनाथ धाम को आठवीं सदी से पूर्व बौद्ध मठ बताने को लेकर सनातन धर्म को मानने वाले लोगों में आक्रोश है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान की हर तरफ निंदा हो रही है. वहीं इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर पलटवार करते हुए कहा बद्रीनाथ धाम का जिक्र आदिकाल से बद्रिकाश्रम के रूप में हमारे शास्त्रों पुराणों में होता रहा है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">सीएम धामी ने कहा कि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी इसी प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं और वह हमारी संस्कृति से भली-भांति परिचित हैं. डिंपल यादव को स्वयं स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब देना चाहिए, इसके साथ ही कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिया गया यह बयान निंदनीय है. बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा बद्रीनाथ मंदिर को लेकर दिए गए बयान से उत्तराखंड के जनमानस में काफी रोष है. इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हमलावर होते हुए समाजवादी पार्टी की नेता और उत्तराखंड की रहने वाली पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी से सवाल किया है कि आप तो खुद उत्तराखंड की रहने वाली हैं और ऐसे में उत्तराखंड की वह देश की धरोहर को लेकर किस तरह से आपके पार्टी के नेता बयान दे रहे हैं. क्या आप खुद भलीभांति परिचित नहीं है उत्तराखंड के केदारनाथ धाम से?</p>
<p style="text-align: justify;">[tw]https://twitter.com/pushkardhami/status/1684847663727177728?s=20[/tw]</p>
<p style="text-align: justify;">सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा-"आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है. क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है. अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था उसके बाद यह बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया, यही सच है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://www.abplive.com/states/up-uk/gyanwapi-case-asi-seeks-iit-kanpur-help-for-survey-with-gpr-technology-ann-2462267">Gyanwapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के लिए एएसआई ने मांगी IIT कानपुर की मदद, GPR टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल</a></strong></p>



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *