Uttarakhand Lok Sabha Election Results 2024 Trivendra Singh Rawat journey from Sangh volunteer to becoming an MP from
Uttarakhand Lok Sabha Election Results 2024: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरीश हरिद्वार से नवनिर्वाचित सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 1979 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप जुड़कर अपने सामाजिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 1981 को संघ की तरफ से उन्हें प्रचारक की जिम्मेदारी सौंप दीं, फिर 1985 में देहरादून प्रचारक बनाकर भेज दिया. इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यों से संघ इतना प्रभावित हुआ कि 1993 में का क्षेत्रीय संगठन मंत्री और 1997 से 2002 तक प्रदेश संगठन महामंत्री बना दिया. संगठन के विभिन्न पदों पर रहने के 2002 में बीजेपी ने डोईवाला विधानसभा सीट प्रत्याशी बनाया, चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. दूसरी बार 2007 में डोईवाला से विधायक चुने के और उन्हें उत्तराखंड सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया. तीसरी बार बीजेपी ने 2012 में देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बना, जहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद 2014 में डोईवाला विधानसभा चुनाव में हार गए. उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी ने उन्हें झारखंड का प्रभारी बना दिया.
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को सूबे का मुख्यमंत्री बनाया गया और चार साल तक प्रदेश की कमान संभाली. इस दौरान प्रदेश में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किये, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में डोईवाला से चुनाव हार गए. चुनाव में मिली हार के बाद लोकसभा चुनाव 2024 में हरिद्वार लोकसभा सीट से उन्हें बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी के सांसद प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र एवं हरिद्वार से कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी वीरेंद्र रावत को 164056 वोटों से बड़ी जीत हासिल कर अपना वनवास खत्म कर दिया.
अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएं त्रिवेंद्र
2017 में बीजेपी को उत्तराखंड में मिली प्रचंड जीत के बाद से डोईवाला के नवनिर्वाचित विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम अचानक ही घोषणा हो गई. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार साल से एक महीने पहले ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसका मुख्य कारण विधायकों और प्रदेश के नेताओं में उनको लेकर नाराजगी एक प्रमुख कारण थी. इसके साथ ही उनके कार्यकाल में चारधाम देवस्थानम मैनेजमेंट का बिल लेकर आए थे, जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई नेता नाराज थे.
त्रिवेंद्र ने कांग्रेस के वीरेंद्र को 1.64 वोटों से हराया
उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था. क्योंकि इस सीट से बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया था, जबकि खानपुर से विधायक उमेश कुमार भी हरिद्वार लोकसभा सीट से निर्दलीय ही मैदान में कूद पड़े. जिससे हरिद्वार लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था. बीजेपी के सांसद प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 164056 के बड़े अंतर से चुनाव जीत लिया.
सुरक्षित सीट पूर्व सीएम के पुत्र बनाया था प्रत्याशी
हरिद्वार लोकसभा सीट में 11 विधानसभा सीटें हरिद्वार जनपद की और 3 विधानसभा सीटें देहरादून जनपद की आती है. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरिद्वार की ग्यारह विधानसभा सीटों में 6 पर, बीजेपी ने 3 विधानसभा सीटें, बसपा ने 1 विधानसभा सीट और एक सीट निर्दलीय (उमेश कुमार) ने जीत हासिल कर ली. हरिद्वार लोकसभा सीट को कांग्रेस सुरक्षित सीट मान रही थी. इसलिए कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय होने से बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत को 164056 वोटों से शिकस्त देकर संसद पहुंच गए.
कौन हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत?
उत्तराखंड के पौड़ी जिले की जय हरि खाल ब्लॉक के खेड़ासैण रहने वाले फौजी प्रताप सिंह रावत और भोदा देवी के घर पर 20 दिसंबर 1960 को त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म हुआ. त्रिवेंद्र सिंह अपने नौ बहन भाइयों में सबसे छोटे हैं. इनकी शुरुआती खैरासैण में हुई थी और फिर हाईस्कूल की पढ़ाई पौड़ी जिले के सतपुली इंटर कॉलेज और बारहवीं की पढ़ाई यमकेश्वर इंटर कॉलेज से पूरी कर लैंसडाउन के जयहरीखाल डिग्री कॉलेज से स्नातक और गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. इसके बाद श्रीनगर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए करने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत 1984 में देहरादून चले गए.
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