News

US MQ-9B drone Crashes in Bay of Bengal Indian Navy leased from America


MQ-9B Drone: भारतीय नौसेना द्वारा अमेरिका से लीज पर लिया गया एमक्यू-9बी सीगार्डियन ड्रोन बुधवार (18 सितंबर) को निगरानी मिशन के दौरान तकनीकी खराबी के कारण बंगाल की खाड़ी में गिर गया. इस ड्रोन की पानी में इमर्जेंसी लैंडिंग करवाई गई. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत सेना की ताकत बढ़ाने के लिए अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय भारतीय नौसेना के पास प्रीडेटर बी ड्रोन हैं, जिसे अमेरिकी कंपनी जनरन ऑटोमिक्स ने बनाया है. नेवी के पास ऐसे दो ड्रोन थे. इसे चार साल के लिए लीज पर लिया गया था. इसका काम समंदर की गतिविधियों पर खुफिया नजर रखना है.  वहीं, तमिलनाडु में नौसेना हवाई स्टेशन राजाली से उनका संचालन किया जा रहा है.

जानिए क्या है मामला?

नौसेना ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “भारतीय नौसेना द्वारा लीज पर लिया गया एक ऊंचाई वाला (एचएएलई आरपीए), जो आईएनएस राजाली, अरक्कोणम (चेन्नई के पास) से संचालित हो रहा था. यह ड्रोन 1400 घंटों से अधिक का रूटीन उड़ान भर चुका था. जिसके बाद तकनीकी खराबी का शिकार हो गया. जिसे उड़ान के दौरान ठीक नहीं किया जा सका. फिलहाल,आरपीए सुरक्षित क्षेत्र में पहुंच गया है और उसने चेन्नई के पास समुद्र में नियंत्रित तरीके से विमान को उतारा है. इसके साथ ही अमेरिकी कंपनी जनरन ऑटोमिक्स से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.

लीज के तहत कंपनी बदल कर देगी ड्रोन

सूत्रों का कहना है कि लीज के तहत, भारतीय नौसेना को विशाल क्षेत्र की सुनिश्चित निगरानी करने के लिए दो ड्रोन दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि समझौते के अनुसार नौसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए OEM को अब खोए हुए आरपीए को दूसरे से बदलना होगा.

हिंद महासागर की सुरक्षा में RPA ने काफी मदद

इस ड्रोन ने नौसेना को हिंद महासागर पर कड़ी नज़र रखने में मदद की है. ऐसे समय में जब उसने चीन की महत्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए इस क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है. दोनों एमक्यू-9बी ने संयुक्त रूप से 18,000 घंटे की उड़ान भरी है.

ये भी पढ़ें: बांग्लादेश हुआ मालामाल, पहले अमेरिका तो अब विश्व बैंक देगा 2 बिलियन डॉलर की सहायता राशि



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *