UPS was brought before the elections Congress Chief taunt U in the scheme is a U-turn of Modi government | चुनाव से पहले लाई गई UPS तो कांग्रेस चीफ ने कसा तंज
Unified Pension Scheme: मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारी को एक बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का ऐलान किया है. इसके बाद कर्मचारी पहले से चल रही NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) या UPS में से किसी एक को चुन सकते हैं.
यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लेकर विपक्ष केंद्र पर हमलवार है. इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने UPS पर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “यूपीएस में ‘यू’ का मतलब है मोदी सरकार का यू टर्न! 4 जून के बाद, जनता की शक्ति प्रधानमंत्री की अंहकार की शक्ति पर हावी हो रही है. मोदी सरकार ने 4 फैसले वापस लिए हैं. 1.लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/इंडेक्सेशन के संबंध में बजट में रोलबैक. 2. वक्फ बिल को जेपीसी को भेजना. 3. ब्रॉडकास्ट बिल को वापस लेना. 4. लेटरल एंट्री पर रोलबैक. हम सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे और 140 करोड़ भारतीयों को इस निरंकुश सरकार से बचाएंगे!”
The ‘U’ in UPS stands for Modi Govt’s U turns!
Post June 4, the power of the people has prevailed over the arrogance of power of the Prime Minister.
— Rollback in the budget regarding Long Term Capital Gain / Indexation
— Sending Waqf Bill to JPC
— Rollback of Broadcast… pic.twitter.com/DJbDoEyl6g
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 25, 2024
AAP पार्टी ने भी साधा निशाना
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) पर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह बात साबित हो गई कि देश की तमाम पार्टियां और विपक्षी दल जो कह रहे थे वो बात सही थी. केंद्र सरकार खुद केंद्र सरकार के ही सभी कर्मचारियों को दबा रही थी. जिस तरह से केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया उससे भाजपा की अकल थोड़ी ठिकाने आई है और मुझे लगता है उनके(भाजपा) अन्य फैसलों को भी वे बहुत जल्द वापस लेंगे.”
जीतन राम मांझी ने जताया आभार
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “हमारे 25 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. अगर इस पर राज्य सरकारें राजी हो जाए तो 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा मिले. ये नरेंद्र मोदी का एक ऐतिहासिक कदम है. परिश्रम को उन्होंने उचित दाम देने का काम किया है. इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं.”