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UP Congress Chief Ajay Rai campaign for Mukhtar Ansari brother Afzal Ansari in Ghazipur ann


Lok Sabha Election 2024: गाजीपुर में अंतिम और सातवें चरण में 1 जून को मतदान होना है और इसके लिये आज नामांकन की प्रकिया पूरी कर ली गयी है. निर्दलीय प्रत्याशियों समेत कुल 10 प्रत्याशी अब मैदान में हैं.सपा से अफजाल अंसारी,बीजेपी से पारसनाथ राय और बसपा से उमेश सिंह अब मैदान में हैं. अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी अब निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं. अफजाल अंसारी मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं और कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन में हैं.इस बात की चर्चा एक बार फिर तेज हो गयी है कि क्या अजय राय गठबंधन धर्म निभायेंगे और अपने जानी दुश्मन रहे मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी के लिये चुनाव प्रचार करेंगे.

गाजीपुर में इंडिया गठबंधन से अफजाल अंसारी प्रत्याशी होंगे अब ये तय हो चुका है. इंडिया गठबंधन के घटक दलों में सपा और कांग्रेस दोनों शामिल हैं. अजय राय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं जबकि अफजाल अंसारी गाजीपुर से सपा से प्रत्याशी हैं.देखा जाये तो लोकसभा 2024 के चुनाव में अजय राय और अफजाल अंसारी दोनों ही एक ही गठबंधन से चुनावी मैदान में हैं. गाजीपुर में चर्चा इस बात को लेकर है कि क्या अजय राय प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते  अफजाल अंसारी के लिये गाजीपुर में चुनाव प्रचार करेंगे. अजय राय से कई बार ये सवाल किया जा चुका है और उनका यही जवाब रहा है कि वो गठबंधन के लिये प्रदेश में चुनाव प्रचार करेंगे.

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अजय राय और अफजाल अंसारी की क्या है अदावत
अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर क्षेत्र में कर दी गयी थी. वो अपने घर के बाहर खड़े थे और उनके साथ उनके भाई अजय राय भी थे. अजय राय के सामने ही वैन से आये हमलावरों ने उनके भाई अवधेश राय को को गोलियों से भून दिया था. अजय राय ने मुख्तार अंसारी समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस हत्याकांड के 33 साल बाद वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट से मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. अजय राय ने अपने भाई की हत्या के केस में मजबूत पैरवी की जिसकी वजह से मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा हुई थी.

अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय को बृजेश सिंह का करीबी माना जाता था और नब्बे के दशक में उनका वाराणसी में अच्छा खासा दबदबा था.उस समय मुख्तार अंसारी गिरोह भी वाराणसी में सक्रिय होने लगा था लेकिन मुख्तार की राह में अवधेश राय एक बड़ी बाधा बन रहे थे.उस समय वाराणसी में कोयले और रेशम के व्यापारियों से वसूली आम बात थी. मुख्तार अंसारी ने वाराणसी में वसूली के धंधे में जब अपने पैर पसारने शुरू किये तो उसको अवधेश राय अपने रास्ते की सबसे बड़ी बाधा लगे और उसने अवधेश राय को रास्ते से हटाने की ठान ली. मुख्तार ने अवधेश राय ने उनको अपने रास्ते से हटा भी दिया और इस केस में 33 साल मुख्तार के खिलाफ फैसला आया.

मुख्तार अंसारी की अब मौत हो चुकी है लेकिन गाजीपुर का चुनाव अभी भी मुख्तार के इर्द- गिर्द ही घूम रहा है.अजय राय और अफजाल अंसारी इस चुनाव में एक साथ गठबंधन में हैं और इसी वजह से अजय राय के गाजीपुर में आकर अफजाल अंसारी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने को लेकर प्रश्न पूछे जा रहे हैं. गाजीपुर में 1 जून को मतदान होना है और अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा ऐसे में अजय राय अफजाल अंसारी के लिये चुनाव प्रचार करते हैं कि नहीं ये देखने वाली बात होगी.

(रिपोर्ट आशुतोष त्रिपाठी की है)



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