UP Caste Census Allahabad High Court Seeks Answer From Yogi Government On Petition ANN | UP Caste Census: यूपी में जातीय जनगणना कराने को लेकर HC ने मांगा योगी सरकार से जवाब, जानें
UP News: उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में जनहित याचिका दाखिल की गई. इसके बाद जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार (UP Government) से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. अब सितंबर महीने में मामले की अगली सुनवाई होगी. जस्टिस एमसी त्रिपाठी (MC Tripathi) और जस्टिस प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. गोरखपुर (Gorakhpur) के सामाजिक कार्यकर्ता काली शंकर ने जनहित याचिका दाखिल की है.
याची का कहना है कि अनुसूचित जाति और जनजाति की गणना की गई है. प्रदेश में इनकी आबादी क्रमशः 15 और 7.5 फीसदी है. आबादी के हिसाब से इस वर्ग को सुविधाएं दी जा रही हैं. बीपी मंडल आयोग की शिफारिश 1931 की जाति जनगणना के आधार पर की गई थी, जिसमें सही आंकड़ा नहीं लिया गया था इसलिए ओबीसी की जातीय जनगणना की जानी चाहिए, जिससे सही संख्या का पता चले और उन्हें इसका लाभ दिया जा सके. जनहित याचिका में कहा गया है कि जाति जनगणना न होने से पिछड़े समाज का बहुत ही अहित हो रहा है.
अखिलेश यादव भी कर चुके हैं जातीय जनगणना की मांग
बता दें कि यूपी में जातीय जनगणना को लेकर राजनीति भी जारी है. सपा लगातार जातीय जनगणना की मांग तेज कर रही है. सपा राज्य में जातीय जनगणना की मांग बीजेपी सरकार से कर रही है. हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था, “हम समाजवादी और ज्यादातर लोग जातीय जनगणना चाहते हैं. सामाजिक न्याय का रास्ता जातीय जनगणना के बिना पूरा नहीं होगा. इससे समाज और लोकतंत्र मजबूत होगा. जातीय जनगणना से पता चलेगा कौन, कितना पीछे है, किसे कितनी मदद की जरूरत है. बीजेपी जातीय जनगणना का विरोध कर रही है.”
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