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UP By Elections Kundarki Muslim Seat Big Shock for Akhilesh yadav Thakur Ramveer singh gets Highest vote


उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. इन नौ सीटों में से एक ऐसी सीट है, जहां पर अखिलेश यादव को तगड़ा झटका लगा. वैसे तो कुंदरकी मुस्लिम बाहुल्य सीट है, लेकिन यहां से भाजपा उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह ने ऐतिहासिक वोटों से जीत दर्ज की है. ठाकुर रामवीर सिंह ने सपा उम्मीदवार हाजी मोहम्मद रिजवान को 143192 वोटों के अंतर से हराया, लेकिन इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर आखिर भाजपा को जीत कैसे मिली यह समझते हैं. 

कुंदरकी एक ऐसी सीट है, जहां पर 65 फीसदी मुसलमान वोटर है. इतनी बड़ी संख्या में मुसलमान वोटर होने के चलते अखिलेश यादव को भरोसा था कि बीजेपी का उम्मीदवार यहां नहीं जीत सकता. हालांकि, इस उपचुनाव में हिंदू-मुसलमान का ध्रुवीकरण नहीं था, बल्कि मुसलमान के बीच तुर्क और शेख बिरादरी के ध्रुवीकरण ने भाजपा के लिए जीत के रास्ते साफ कर दिए. 

मुसलमानों के बीच दो दशकों से कर रहे मेहनत

समाजवादी पार्टी का तो सीधा आरोप है कि भाजपा ने ईवीएम में वोट डंप कराएं हैं, लेकिन मुसलमान के बीच सपा उम्मीदवार हाजी मोहम्मद रिजवान को लोकप्रियता के मामले में ठाकुर रामवीर सिंह ने पीछे छोड़ दिया. ठाकुर रामवीर सिंह लगातार तीन बार से चुनाव हार रहे थे, लेकिन इस बार उन्हें पता था कि बिना मुसलमान के वोटों के वह इस सीट को नहीं जीत सकते और यही कारण था कि वह पिछले दो दशकों से मुसलमान के बीच मेहनत कर रहे हैं और इस बार यह मेहनत रंग लाई है. 

कुंदरकी में नहीं पड़ा “बटेंगे तो कटेंगे” का असर

वैसे तो उत्तर प्रदेश में “बटेंगे तो कटेंगे” का नारा खूब चला, लेकिन कुंदरकी में खुद भाजपा प्रत्याशी इस्लामी टोपी और अरबी गमछा पहनकर चुनाव प्रचार करते रहे. रामवीर सिंह किसी विधायक से बड़ा दरबार लगाने और मुसलमान के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए बड़े फेमस है. इस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने उन्हें खूब वोट दिया. शेख बिरादरी तो जैसे उनके पीछे खड़ी नजर आई, जबकि तुर्क बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले हाजी रिजवान अपनी ही बिरादरी के लोगों के बीच पीछे रह गए. 

सबको किया हैरान

हाजी रिजवान कुंदरकी से तीन बार से विधायक हैं, लेकिन वह जनता की उम्मीद पर खरे नहीं उतरे. मतदान वाले दिन तो उन्होंने चुनाव रद्द करने की भी मांग कर ली थी. फिर क्या था मुस्लिम वोटरों ने दोपहर के बाद एकतरफा वोटिंग बीजेपी के लिए ही कर डाली. ढाई साल की बात है… ठाकुर रामवीर सिंह पर एक्सपेरिमेंट कर लेते हैं. अगर वह उम्मीद पर खरे उतरे तो ठीक है, वरना 2027 में फिर समाजवादी पार्टी को जीता देंगे. सबसे खास बात यह है कि उपचुनाव में सबसे ज्यादा मतदान इसी सीट पर हुए हैं यहां 57.7 फीसदी मतदान हुए हैं. यहां 65 फीसदी मुस्लिम वोटर है, यहां सबसे ज्यादा वोट डलें है, यहां भाजपा 1993 से जीत नहीं पाई थी… उस सीट पर ठाकुर रामवीर सिंह ने जीत दर्ज करके सबको हैरान कर दिया है.

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