UP BJP state president election put on hold due to Delhi assembly elections
UP BJP President Election: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव फिलहाल टाल दिया गया है. दिल्ली में चल रहे विधानसभा चुनाव के घमासान को देखते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का लखनऊ दौरा टल गया है जिसके चलते यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पर कुछ समय के लिए विराम लग गया है. माना जा रहा है कि फरवरी महीने अब आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.
दरअसल पीयूष गोयल को को यूपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय चुनाव अधिकारी बनाया गया है. यूपी में हर हाल में जनवरी महीने तक नए प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव होना था. इसके लिए पीयूष गोयल को कल लखनऊ आना था लेकिन उनका दौरा टलने के बाद इस प्रक्रिया को रोक दिया गया है.
दिल्ली चुनाव की वजह से रुकी प्रक्रिया
बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी इस समय दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूरा फोकस कर रही है. ऐसे में यूपी भाजपा के छोटे बड़े सभी नेताओं को दिल्ली चुनाव में लगाया गया है जिसकी वजह से भी ये प्रक्रिया रोक दी गई है. ये नेता दिल्ली चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं ऐसे में जो चुनाव हाल में जनवरी में पूरा होना था अब ये टल कर फरवरी तक हो गया है.
वहीं दूसरी तरफ भाजपा में मण्डल अध्यक्ष की प्रक्रिया पूरी हो गई है ज़िलाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं. लेकिन, अंदरूनी बवाल की वजह से अभी इसकी घोषणा नहीं हो पाई है. कई सीटों पर पार्टी में नए ज़िलाध्यक्ष को लेकर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है. पहले खबर थी कि बीजेपी दो चरणों में जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी कर सकती है.
यूपी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार
यूपी प्रदेशाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया पर विराम लगने के बाद भूपेन्द्र चौधरी अभी कुछ समय और अध्यक्ष बने रहेंगे. हालांकि यूपी भाजपा अध्यक्ष के दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त होने की वजह से भी ये मामला जनवरी में तय ना हो सका. पार्टी में पिछड़ा, ब्राह्मण या फिर दलित को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के नाम पर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. ब्राह्मणों में हरीश द्विवेदी, दिनेश शर्मा के नाम आगे हैं तो पिछड़ों में सबसे ज्यादा उम्मीदवार हैं जिनमें केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, योगी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह, स्वतंत्र देव सिंह का नाम इस रेस में शामिल हैं इनके अतिरिक्त राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य और बाबूराम निषाद के नामों की भी अपनी अपनी दावेदारी है.
इनपुट- वीरेश पांडेय
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