UP के मंत्री का “जी भाई साहब” और “जी सर” वाला फरमान, जानिए क्या है पूरा मामला
कुशीनगर:
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह (UP Minister Dinesh Pratap Singh) ने नया फरमान जारी किया है. उन्होंने आदेश दिया है कि बीजेपी के मंडल अध्यक्ष के इलाक़े में थाना, तहसील, एसडीएम और तहसीलदार के मोबाइल में बीजेपी मंडल अध्यक्ष का मोबाइल नंबर सेव कराया जाएगा. इसके साथ ही मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने ये भी बताया है कि अधिकारियों को पदाधिकारियों से कैसे बात करनी है.
दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिला संगठन के सभी पदाधिकारियों का नंबर डीएम, एसपी, एडीएम के मोबाइल में नंबर सेव होगा. अगर बीजेपी का कोई पदाधिकारी फोन करेगा तो अधिकारी को जी भाई साहब! बोलना पड़ेगा. मंत्री ने कुशीनगर में बीजेपी कार्यालय में संगठन के पदाधिकारियों और सांसद, विधायक की बैठक में ये फरमान जारी किया.
कौन हैं दिनेश प्रताप सिंह?
- दिनेश प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में उद्यान विभाग के मंत्री हैं.
- वह कुशीनगर के प्रभारी मंत्री हैं.
- साल 2018 से थामा बीजेपी का दामन.
- इससे पहले वह कांग्रेस के सदस्य थे.
कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ समझौता नहीं
कुशीनगर में बोलते हुए दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि वह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पार्टी के सभी वर्कर्स उनके विभाग के मंत्री हैं. जब भी कोई कार्यकर्ता फोन करेगा तो अधिकारी और थानाध्यक्ष उनको ‘जी भाई साहब’ कहकर संबोधित करेंगे. अगर कार्यकर्ता एडीएम को भी फोन करेगा तो उनको भी ‘जी भाई साहब’ कहना होगा.
विधायकों को ‘जी सर’ कहना होगा
जिले के सभी अधिकारियों के फोन में विधायकों का नंबर भी सेव होना चाहिए. अगर विधायक फोन करेंगे तो उनको जी सर कहना होगा. क्यों कि विधायक संवैधानिक पद पर हैं. विधायकों को ‘जी सर’ कहना जिला अधिकारियों की जिम्मेदारी और प्रोटोकॉल दोनों है. वह पदाधिकारियों को जी भाई साहब कहलवाने की परंपरा शुरू करने की आदत डालना चाहते हैं.
“पीएम मंडल अध्यक्ष को ‘जी भाई साहब’ कहते हैं”
यूपी के मंत्री ने कहा कि जी भाई साहब कहना कोई बड़ी बात नहीं है. जब हमारे देश के प्रधानमंत्री हमारे मंडल अध्यक्ष को जी भाई साहब कहते हैं तो अधिकारियों को भी जी भाई साहब कहना चाहिए.