Ukraine Russia war: रूसी कंपनियों ने भारतीयों को हेल्पर के तौर पर किया हायर, अब यूक्रेन में लड़वाया जा रहा युद्ध, ओवैसी बोले- इनकी जान खतरे में
यूक्रेन और रूस के बीच पिछले दो साल से युद्ध जारी है. अब इसे लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि रूसी कंपनियों द्वारा कुछ भारतीयों को हेल्पर के तौर पर भर्ती किया गया था. अब इन्हें जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ये लोग उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर के रहने वाले बताए जा रहे हैं. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मीडियो रिपोर्ट को शेयर करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद की अपील की है. ओवैसी ने कहा, इनकी जान खतरे में है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन भारतीयों ने दावा किया है कि उन्हें रूस में आर्मी सिक्योरिटी हेल्पर के तौर पर भर्ती किया था. अब उन्हें रूसी सैनिकों के साथ यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस में फंसे एक भारतीय ने बताया कि उसे बेसिक हथियारों की ट्रेनिंग दी गई और डोनेट्स्क के पास युद्ध में उतार दिया गया. यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ युद्ध में उसे गोलियों का सामना करना पड़ा और उसे अपनी जान का खतरा सता रहा है.
अधिकारियों से लगाई मदद की गुहार
रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे इन लोगों के परिवार मदद के लिए अधिकारियों के पास पहुंचे हैं, जिनमें सांसद असदुद्दीन औवेसी भी शामिल हैं. परिवार का दावा है कि इन लोगों को अच्छी सैलरी वाली नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन वे खतरनाक स्थिति में फंस गए.
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस में फंसे एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, वह और दो अन्य लोग एक यूट्यूब चैनल से भर्ती हुए थे. उन्हें नवंबर 2023 में रूस लाया गया. उनसे नॉन कॉम्बैट जॉब के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कराए गए थे लेकिन बाद में युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दिया गया. यूक्रेनी सैनिकों के साथ एक संघर्ष का जिक्र करते हुए उसने बताया, ”हमने 7-8 बार गोलियों का सामना किया. एक संघर्ष में हमारा साथी भी मारा गया.” हालांकि, वे भागने में सफल रहे लेकिन उन्हें डर सता रहा है.
ओवैसी ने विदेश मंत्री से की मदद की अपील
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद की अपील की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा, कृपया इन लोगों को घर वापस लाने के लिए अपने अच्छे दफ्तर का इस्तेमाल करें. इनकी जान खतरे में है और इनके परिवारों की चिंता वाजिब है.