Ujjain Gaya Kota Temple Pitru Paksha 2024 Lord Krishna Tarpan pind daan ann
Ujjain Gaya Kota Temple: पितृपक्ष के अंतिम दिनों में उज्जैन के गया कोटा मंदिर और सिद्धवट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हुई दिखाई दी. इन स्थानों पर दूध और जल चढ़ाने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मंदिर की पुरानी कथा है जिसे आज भी श्रद्धालुओं के बीच आस्था का केंद्र माना जाता है.
धार्मिक नगरी उज्जैन में पितरों के निमित्त तर्पण और मोक्ष की प्राप्ति के साथ-साथ सुख, शांति, समृद्धि की कामना को लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गया कोटा मंदिर और सिद्धवट पर पहुंचते हैं. श्राद्ध पक्ष अंतिम दिनों में इन मंदिरों पर भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है. गया कोटा मंदिर के पुजारी आलोक गुरु के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण करने के दौरान इस मंदिर की स्थापना की थी.
चौदस के अवसर पर आज उज्जैन के गया कोटा मंदिर में एक किलोमीटर लंबी कतार @ABPNews @abplive pic.twitter.com/esDQaLd5Ip
— vikram Singh jat (@vikramsinghjat7) October 1, 2024
1 किलोमीटर लंबी कतार
यहां पर भगवान विष्णु के 16 चरण बने हुए हैं जो 16 ही श्राद्ध के दौरान पूजनीय होते हैं. इसके अलावा जटाशंकर भगवान का भी मंदिर है, जिस पर दूध चढ़ाने से पितरों को शांति मिलती है. यहां पर भक्तों की इतनी भीड़ उमड़ी की 1 किलोमीटर लंबी कतार लग गई. चौदस के बाद अमावस पर भी यहां भक्तों की काफी भीड़ लगेगी. सुबह 4:00 बजे से लेकर शाम की 4:00 बजे तक भक्तों का तांता लगा रहा.
सिद्धवट पर दूध चढ़ाने का पुराना महत्व
सिद्धवट के पुजारी पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी के मुताबिक यहां पर वटवृक्ष को दूध अर्पित किया जाता है, जिसे लेकर यह मान्यता है कि यह पितरों को प्राप्त होता है. यहां पर तर्पण पूजा अर्चना करने के लिए देशभर के श्रद्धालु आते हैं. चौदस पर्व पर यहां पर लगभग 30,000 से ज्यादा श्रद्धालु पूजा अर्चना की, इतनी ही भीड़ अमावस पर भी आने की संभावना है.
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